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चिदंबरम ने किया राहुल का बचाव, कहा- सिख दंगों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना गलत

पी. चिदंबरम ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिए गए राहुल गांधी के विवादास्पद बयान का बचाव किया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 03:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 08:32 AM (IST)
चिदंबरम ने किया राहुल का बचाव, कहा- सिख दंगों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना गलत
चिदंबरम ने किया राहुल का बचाव, कहा- सिख दंगों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना गलत

नई दिल्ली (एएनआइ)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिए गए राहुल गांधी के विवादास्पद बयान का बचाव किया है। पी. चिदंबरम ने कहा, '1984 में कांग्रेस सत्ता में थी। तब बेहद दुखद घटना हुई और डॉ. मनमोहन सिंह इसके लिए संसद में माफी मांग चुके हैं। इसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उस दौरान वह महज 13 या 14 साल के थे। उन्होंने किसी को दोषमुक्त करार नहीं दिया है।'

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इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री ने राफेल डील के सवाल पर केंद्र पर हमला भी बोला। पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मामला गंभीर है। इस पर सार्वजनिक बहस होनी चाहिए और विस्तृत जांच कराई जानी चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्टी ने इस मसले को प्रमुखता के साथ उठाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को ब्रिटेन में कहा था कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस पार्टी की कोई संलिप्तता नहीं थी। राहुल ने कहा था कि यह दंगा बेहद दर्दनाक था, लेकिन कांग्रेस की इसमें कोई आपराधिक संलिप्तता नहीं थी। राहुल ने अपने भाषण में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक सिंह को भी शामिल किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अनेकता में एकता की विचारधारा गुरु नानक देव की शिक्षा से ली गई है।

भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के गुरू नानक देव संबंधित बयान की आलोचना की है। भाजपा ने कहा कि उनकी पार्टी की पहचान साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ी है और स्वर्ण मंदिर पर इस 'जघन्य अपराध' के लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए गुरू नानक देव का उल्लेख कर रहे हैं, उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि 1984 में हुए सिखों के कत्लेआम में जिन लोगों पर आरोप हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

गौरतलब है कि 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 में हुई हिंसा के लिए संसद में माफी मांगी थी। उनके साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी हिंसा पर अफसोस जताया था।


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