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एयरसेल मैक्‍सिस डील मामला: ED ऑफिस में चिदंबरम, पहले भी हो चुकी है पूछताछ

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में इडी ऑफिस में आज दूसरी बार पूछताछ की गई।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 01:34 PM (IST)
एयरसेल मैक्‍सिस डील मामला: ED ऑफिस में चिदंबरम, पहले भी हो चुकी है पूछताछ
एयरसेल मैक्‍सिस डील मामला: ED ऑफिस में चिदंबरम, पहले भी हो चुकी है पूछताछ

नई दिल्‍ली (एएनआइ)। एयरसेल मैक्‍सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्‍ठ मंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) पहुंचे जहां उनसे दूसरी बार पूछताछ की गई। उन्हें आज का समन जारी किया गया था। उनसे पहली बार पूछताछ पांच जून को की गई थी। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाला निकाय है जो धन शोधन से जुड़े मामलों की जांच करता है।

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अधिकारियों ने बताया कि जांच अधिकारी धनशोधन रोकथाम कानून के तहत चिदंबरम के बयान का दर्ज कर सकता है जैसा कि पिछली बार किया गया था। निदेशालय सौदे से जुड़े चिदंबरम के निर्णय को लेकर नए सवाल - जवाब कर सकता है। बता दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर करते हुए पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने पी चिंदबरम की अग्रिम जमानत अर्जी पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है। गौरतलब है कि कुल 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल- मैक्सिस सौदे में चिदंबरम की भूमिका जांच के घेरे में है।

इससे पहले चिदंबरम से प्रवर्तन निदेशालय में लंबी पूछताछ हो चुकी है। चिदंबरम ने विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। विशेष न्यायाधीश ने चिदंबरम को पांच जून को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे। इडी ने भी चिदंबरम को समन भेजा था।

अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामलों से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मामले में वर्ष 2011 और 2012 में सीबीआई तथा इडी द्वारा दायर दो मामलों में पूर्व मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से पहले ही 10 जुलाई तक अंतरिम राहत दे रखी है। इडी ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली कार्ती की याचिका पर बहस करने के लिए समय मांगा था, जिसके बाद कार्ति को अदालत से राहत मिली। यह मामला एयरसेल में निवेश के लिए एमएस ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा है।


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