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Gyanvapi Mosque Dispute : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद ओवैसी का बयान आया सामने, कहा- हमें हुई निराशा

ओवैसी ने कहा कि लोअर कोर्ट का निर्णय पूर्णत गैरकानूनी है। हम उम्मीद कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट उस आदेश पर स्टे लगा देगा लेकिन हमें निराशा हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम आगे उम्मीद करते हैं कि लोअर कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट स्टे लगाएगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 07:37 PM (IST)
Gyanvapi Mosque Dispute : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद ओवैसी का बयान आया सामने, कहा- हमें हुई निराशा
एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के बाद एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। ओवैसी ने कहा कि लोअर कोर्ट का निर्णय पूर्णत: गैरकानूनी है। हम उम्मीद कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट उस आदेश पर स्टे लगा देगा, लेकिन हमें निराशा हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम आगे उम्मीद करते हैं कि लोअर कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट स्टे लगाएगा।

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ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने और दूसरे पक्ष की सुनवाई के बिना सील करने में अनुचितता को पहचानेगा। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि लोअर कोर्ट का आदेश गलत, अनुचित और अवैध था।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि आयुक्त ने निचली अदालत के न्यायाधीश को रिपोर्ट नहीं दी, याचिकाकर्ता ने आवेदन किया और मुस्लिम पक्ष को नोटिस दिए जाने से पहले न्यायाधीश ने क्षेत्र की रक्षा करने और नमाजियों को 20 तक सीमित करने का आदेश पारित किया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी में प्रशासन से उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा जहां शहर की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में एक 'शिवलिंग' पाया गया है। अदालत ने कहा कि इस दौरान धार्मिक स्थल में किसी भी मुसलमानों को नमाज पढ़ने से नहीं रोका जाएगा।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत सोमवार को वाराणसी की एक निचली अदालत के एक आदेश के खिलाफ प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रशासन से उस क्षेत्र को सील करने के लिए कहा गया था जहां एक शिवलिंग पाया गया है। नमाज अदा करने वालों की संख्या को सीमित करने के लिए कहा गया था। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि वह निचली अदालत के फैसले के दायरे को कम कर रहे हैं, लेकिन यह आदेश पर रोक नहीं है।


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