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तत्काल तीन तलाक पर फिर से अध्यादेश को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

आरोपित को ट्रॉयल शुरू होने से पहले मैजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दायर करने का भी अधिकार दिया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:28 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 01:05 AM (IST)
तत्काल तीन तलाक पर फिर से अध्यादेश को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
तत्काल तीन तलाक पर फिर से अध्यादेश को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने मुस्लिमों में तत्काल तीन तलाक की परंपरा को प्रतिबंधित करने व ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल के प्रावधान वाले अध्यादेश को फिर से जारी कर दिया है। 10 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण कानून) 2019 अध्यादेश को फिर से जारी करने की मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद इसे जारी किया गया। इससे पहले सितंबर 2018 में अध्यादेश जारी किया गया था। इससे संबंधित विधेयक दिसंबर में लोकसभा से पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

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जमानत का प्रावधान किया

प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें कुछ संरक्षण के उपाय किए हैं। इनमें आरोपित को जमानत देने का प्रावधान शामिल है। इन संशोधनों को कैबिनेट ने 29 अगस्त, 2018 को मंजूरी दे दी थी। अध्यादेश में जहां तत्काल तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है वहीं आरोपित को ट्रॉयल शुरू होने से पहले मैजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत की अर्जी दायर करने का भी अधिकार दिया गया है।

मैजिस्ट्रेट पत्नी का पक्ष सुनने के बाद आरोपित पति को जमानत दे सकते हैं। हालांकि जमानत तभी दी जा सकेगी जब पति, पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए तैयार होगा। तत्काल तीन तलाक के मामलों में पुलिस केस तभी दायर करेगी जबकि पीडि़ता (पत्नी), उसके खून के रिश्तेदार या शादी के वक्त बने रिश्तेदार शिकायत करेंगे। पड़ोसी या अन्य शिकायत दर्ज नहीं करा सकेंगे। 


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