विजय चौक पर 12 सांसदों के निलंबन रद करने को लेकर विपक्ष का मार्च, राहुल गांधी बोले- कुचली जा रही जनता की आवाज
सांसदों के निलबंन को रद करने को लेकर विपक्ष का विरोध लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विपक्ष द्वारा आयोजित मार्च में शामिल हुए। राहुल ने कहा कि 12 सांसदों का निलंबन भारत की जनता की आवाज को कुचलने का प्रतीक है।
नई दिल्ली, एएनआइ। सांसदों के निलबंन को रद करने को लेकर विपक्ष का विरोध लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विपक्ष द्वारा आयोजित विजय चौक मार्च में शामिल हुए। राहुल ने कहा कि 12 सांसदों का निलंबन भारत की जनता की आवाज को कुचलने का प्रतीक है। उनकी आवाज दबा दी गई। सभी सांसदों का बचाव करते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। हमें संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
इसके साथ ही राहुल ने कहा, 'हंगामे के बीच संसद में बिलों के बाद बिल पास हो रहे हैं। यह संसद चलाने का तरीका नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नहीं आते हैं। हमें राष्ट्रीय महत्व के किसी भी मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है।'
#WATCH Opposition MPs hold a march from Parliament to Vijay Chowk demanding to revoke the suspension of 12 Rajya Sabha MPs pic.twitter.com/EmBpZ311Go— ANI (@ANI) December 14, 2021
संसद में 12 सांसदों के निलंबन को रद करने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सभापति.एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में शालीनता और मर्यादा बनाए रखें। अनियंत्रित और असंसदीय व्यवहार बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा।
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में निलंबित हुए 12 सांसदों का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। विपक्षी दलों ने आज सांसदों के निलंबन के विरोध में मार्च निकालने की घोषणा की है। दोनों सदनों के विपक्षी सदस्य संसद भवन परिसर से विजय चौक तक मार्च करेंगे। इससे पहले आज संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के फ्लोर नेताओं ने राज्यसभा में एलओपी के कार्यालय में बैठक की। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 सांसदों के निलंबन को रद करने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए रणनीति पर चर्चा की।
#WATCH | Delhi: Floor leaders of Opposition parties in both the Houses of Parliament hold a meeting at the office of LoP in Rajya Sabha, Mallikarjun Kharge to discuss strategy for further agitation to press for the demand of revoking suspension of 12 MPs pic.twitter.com/9rbYyz8DBk— ANI (@ANI) December 14, 2021
UPDATES:
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,' राज्य सभा के अध्यक्ष के पास किसी भी नियम को निलंबित करने और निर्देश जारी करने का पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार उसे ऐसा करने नहीं दे रही है। मैं सभापति से इन 12 (निलंबित) सांसदों को सदन में वापस लाने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करने का अनुरोध करता हूं।'
- देश में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए माकपा सांसद डॉ.वी शिवदासन ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत निलंबन का नोटिस दिया है।
- संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह पूछा गया कि संसद हंगामे में क्यों चल रही है। आज कांग्रेस और अन्य दलों सहित 50 सांसदों ने नोटिस दिया। अध्यक्ष ने उनमें से 26 का नोटिस स्वीकार किया है। इसमें टीएमसी, बसपा, बीजद, वाईएसआरसीपी और अन्य दलों ने भाग लिया।
बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था। सदन के अंदर तोड़फोड़ आसन पर पेपर फेंकने टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के इन पर आरोप थे। पूरी छानबीन के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि हम इस कदम की निंदा करते हैं।
जिन 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित किया गया है, उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भाकपा के विनय विस्वम शामिल हैं।
सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है। डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है। सरकार ने 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है। यह लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश है। हम इसकी निंदा करते हैं और इस पर सभी विपक्षी पार्टी सहमत है।