'चीनी घुसपैठ, कोरोना, अर्थव्यवस्था' पर संसद के मानसून सत्र में काम रोको प्रस्ताव लाएगा विपक्ष
मानसून सत्र के दौरान सदन में सरकार के आने वाले चार अध्यादेशों का कांग्रेस न केवल विरोध करेगी बल्कि दूसरे विरोधी दलों को भी इसके खिलाफ लामबंद करेगी।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस पूर्वी लद्दाख में गंभीर चीनी घुसपैठ, डांवाडोल अर्थव्यवस्था और कोरोना के बढ़ते कहर मानसून सत्र के दौरान संसद में सरकार की घेरेबंदी के लिए विपक्ष के तीन सबसे बड़े हथियार होंगे। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक में इन तीनों मुद्दों पर संसद में बहस कराने के लिए 'काम रोको प्रस्ताव' लाने की रणनीति बनी। राज्यसभा उपसभापति पद के चुनाव के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने का फैसला हुआ। सरकार के चार बड़े अध्यादेशों का भी संसद में विरोध करने का निर्णय लिया गया।
चिठ्ठी विवाद के बाद सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में पहली बार हुईं रूबरू
कांग्रेस संगठन में बदलाव से जुड़े चिठ्ठी विवाद के बाद मंगलवार को सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पहली बैठक की। इस बैठक में पत्र लिखने वाले तीन प्रमुख नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी मौजूद थे। हालांकि सूत्रों ने बताया कि बैठक में चर्चा मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस और विपक्ष की रणनीति को लेकर ही हुई। कांग्रेस के आंतरिक विवाद से जुड़े मसलों का कोई जिक्र नहीं हुआ। न ही पत्र लिखने वाले नेताओं के प्रति हाईकमान ने कोई असामान्य रुख दिखाया। संसद में कांग्रेस के रणनीतिक समूह की इस बैठक में सोनिया के अलावा डा मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, एके एंटनी, गुलाम नबी, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और रवनीत सिंह बिट्टू मौजूद थे।
चीनी सेना के घुसपैठ पर कांग्रेस संसद में पीएम मोदी से मांगेगी जवाब
बैठक में आम सहमति बनी कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ से बेहद गंभीर हालात बने हैं। जबकि सरकार इस सच को नकारती रही है। ऐसे में काम रोको प्रस्ताव लाकर चीनी घुसपैठ पर न केवल सरकार को घेरा जाए बल्कि प्रधानमंत्री से सीधे इसका जवाब मांगा जाए कि सर्वदलीय बैठक में उन्होंने घुसपैठ की बात को नकार देश को गुमराह क्यों किया?
चीनी घुसपैठ, कोरोना कहर, बेरोजगारी से भारत की स्थिति टाइटैनिक जहाज जैसी हो गई: राहुल
राहुल गांधी ने बैठक में साफ कहा कि चीनी घुसपैठ, कोरोना के तेज हुए कहर और अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार के धराशायी से भारत की स्थिति टाइटैनिक जहाज जैसी हो गई है जो समुद्र के तूफान में टकरा कर ध्वस्त होने के कगार पर है। राहुल ने यह भी तंज कसा कि भारत की इस डगमगाती जहाज के कप्तान नरेंद्र मोदी हैं। संसद में प्रश्न काल को खत्म करने के खिलाफ भी आवाज उठाने की बात कही गई।
मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस चार अध्यादेशों के खिलाफ विपक्ष को करेगी लामबंद
मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में सरकार के आने वाले चार अध्यादेशों का कांग्रेस न केवल विरोध करेगी बल्कि दूसरे विरोधी दलों को भी इसके खिलाफ लामबंद करेगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून संशोधन, एपीएमसी कानून में संशोधन, दिवालिया कानून और बैंकिंग सुधार से जुड़े अध्यादेश का पार्टी सदन में विरोध करेगी।
राज्यसभा उपसभापति चुनाव में विपक्ष का साझा प्रत्याशी उतारा जाना तय
राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार उतारने के लिए दूसरे विपक्षी दलों से भी पार्टी बात करेगी। सूत्रों ने कहा कि उपसभापति चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार उतारा जाना तय है, लेकिन प्रत्याशी का फैसला अन्य दलों से मशविरे के बाद होगा।
विपक्षी एकता के लिए टीएमसी, एनसीपी की पंसद से गुरेज नहीं
विपक्षी एकजुटता के लिए तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी के उम्मीदवार को भी स्वीकार करने से कांग्रेस कोई गुरेज नहीं करेगी। जदयू के नेता हरिवंश के रिटायर होने की वजह से उपसभापति का पद रिक्त हुआ था और वे दुबारा बिहार से राज्यसभा में चुनकर आ चुके हैं। उपसभापति पद का चुनाव 14 सितंबर को मानसून सत्र के पहले ही दिन होना है।