Move to Jagran APP

सोनभद्र में जमीन विवाद और कर्नाटक में सत्ता पलटने के मुद्दे पर राज्यसभा में दिखी विपक्षी एकता

राज्यसभा में मौजूदा सत्र के दौरान विपक्षी दलों की एकजुटता पहली बार सोनभद्र और कर्नाटक में सरकार गिराने के मुद्दे पर मुखर होकर सामने आई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 08:22 PM (IST)
सोनभद्र में जमीन विवाद और कर्नाटक में सत्ता पलटने के मुद्दे पर राज्यसभा में दिखी विपक्षी एकता
सोनभद्र में जमीन विवाद और कर्नाटक में सत्ता पलटने के मुद्दे पर राज्यसभा में दिखी विपक्षी एकता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जमीन विवाद में हुई गंभीर हिंसा और कर्नाटक में विधायकों को तोड़कर सूबे में सत्ता पलटने की कोशिश का आरोप लगा रहे विपक्ष ने राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा कर सदन को तीन बार स्थगित कराया।

loksabha election banner

इन दोनों घटनाओं के लिए भाजपा को कठघरे में खड़ा करते हुए विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गरीब आम लोगों का शोषण ही नहीं हो रहा बल्कि उनके साथ हिंसा की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। जबकि कर्नाटक में सरकार गिराने का षड्यंत्र रचते हुए लोकतंत्र और संघीय ढांचे पर प्रहार किया जा रहा है। हंगामे और नारेबाजी के बीच सदस्यों ने आसन की ओर कागज भी उछाले।

राज्यसभा में मौजूदा सत्र के दौरान विपक्षी दलों की एकजुटता पहली बार इन दोनों मुद्दे पर मुखर होकर सामने आई। सदन की कार्यवाही सुबह शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, माकपा, भाकपा, राजद, द्रमुक और आम आदमी पार्टी के सांसद सोनभद्र में गरीब आदिवासी समुदाय के लोगों की जमीन विवाद में की गई हत्या और कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर हंगामा शुरू कर दिया।

कांग्रेस ने कर्नाटक मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर चर्चा की मांग की तो तृणमूल, सपा, बसपा के साथ कांग्रेसी सोनभद्र हिंसा पर भी बहस चाहते थे।

विपक्षी सदस्यों की मांग पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कर्नाटक का मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और दोनों पक्ष वहां गए हैं। इसीलिए सदन में इस पर कोई चर्चा नहीं कराई जा सकती। मगर विपक्षी सदस्यों ने इसके बाद भी नारेबाजी करते हुए अपनी मांग जारी रखी तब सभापति ने सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया।

सदन जब प्रश्नकाल के बाद शुरू हुआ तो विपक्षी सदस्यों ने फिर अपनी मांग पर जोर देते हुए सीट पर खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति हरिवंश ने विपक्षी सदस्यों को ऐसा नहीं करने की सलाह देते हुए प्रश्नकाल जारी रखा और हंगामे में ही एक सवाल का जवाब भी हो गया।

विपक्ष ने अपने मुद्दों को तवज्जो मिलते नहीं देख सदन में इस पर अपनी आक्रामकता बढ़ा दी और विरोधी खेमे के तमाम सांसद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। तानाशाही नहीं चलेगी, लोकतंत्र की हत्या बंद करो से लेकर सोनभद्र के गरीबों को न्याय दो की नारेबाजी के साथ विपक्षी सांसदों के आक्रामक तेवर देख उपसभापति ने सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया।

राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे शुरू हुई तो उपसभापति ने गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को मानवाधिकार संशोधन बिल पेश करने की इजाजत दी मगर विपक्षी सदस्यों ने सोनभद्र और कर्नाटक के मुद्दे पर फिर वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान कुछ सदस्यों ने कागज भी उड़ाए जिसमें से एक कागज आसन पर बैठे हरिवंश पर भी जा गिरा। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मानवाधिकार संशोधन बिल जल्दबाजी में पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब विधेयकों को स्थाई समिति को नहीं भेजा जा रहा तो सदस्यों को इसके अध्ययन के लिए दो दिन का समय मिलना चाहिए।

इस बीच उपसभापति ने द्रमुक के त्रिची शिवा समेत विपक्ष के दो सदस्यों को बिल में संशोधन पेश करने की इजाजत दी मगर शिवा ने कहा कि सदन में अव्यवस्था की स्थिति है। इस पर नाखुशी का इजहार करते हुए उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सदन में मर्यादाएं तोड़ी जा रही है और उन पर भी कागज फेंका गया। एकजुट विपक्ष इसके बाद भी नहीं माना और हंगामा होता देख सदन तीसरी बार तीन बजे तक के लिए स्थगित हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.