Parliament Winter Session: लोकसभा में विपक्ष ने लगाए 'फारूक अब्दुल्ला को वापस लाओ' के नारे
संसद के शीत सत्र के पहले दिन कांग्रेस द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर में हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाया।
नई दिल्ली, एजेंसियां। संसद का शीत सत्र सोमवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे के साथ शुरू हो गया। कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर में हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा। यही नहीं उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से सरकार को अब्दुल्ला को तत्काल रिहा करने का आदेश देने का आग्रह किया।
कांग्रेस के सदस्यों ने इस मसले पर विरोध जताते हुए सदन से वॉक आउट किया। कांग्रेस, नेशनल कान्फ्रेंस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मसले को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए और ‘फारूक अब्दुल्ला को वापस लाओ’, ‘विपक्ष पर हमला बंद करो, वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगाए। दूसरी ओर शिवसेना के सदस्यों ने महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दे को लेकर नारेबाजी की।
हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह हर विषय पर चर्चा को तैयार हैं। इसी नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बारे में आश्वस्त करा चुके हैं। पूरे प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्य नारेबाजी करते रहे।
प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गत पांच अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को आश्वस्त किया था फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में नहीं लिया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि108 दिनों फारुख अब्दुल्ला जी को हिरासत में रखा गया है। ये जुल्म क्यों हो रहा है। हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में बुलाया जाए। यह उनका संवैधानिक अधिकार है।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के सांसदों को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं है। यह सांसदों का अपमान है। सरकार जम्मू-कश्मीर को आंतरिक मामला बताती है लेकिन उसने यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधिमंडल को दौरे की इजाजत देकर इसे अंतरराष्ट्रीय मामला बना दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मसला भी उठाया।