तेलंगाना में विधानसभा भंग करने को विपक्षी दलों ने गलत कदम बताया
बीजेपी को पूरा विश्वास है कि वो अच्छी स्थिति में है, राज्य में जब भी चुनाव होंगे उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है।
हैदराबाद, जेएनएन। तेलंगाना में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के समय से पहले विधानसभा भंग करने और राज्य में जल्दी चुनाव कराये जाने के फैसले का विरोध किया है। विरोधी दलों ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर राव इस डर से जल्दी चुनाव करा रहे हैं कि यदि चुनाव अपने तय समय पर अगले साल कराये गए तो टीआरएस सत्ता में वापिसी नहीं कर पायेगी। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता को बताना चाहिए कि विधानसभा को समय से पहले क्यों भंग किया गया है।
तेलंगाना कांग्रेस कमिटी के मुख्य प्रवक्ता श्रवण दासजु ने कहा कि काफी संघर्ष और और कुर्बानी के बाद तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आया। राज्य की जनता को सरकार से विकास,रोज़गार और किसान और खेती के मुद्दे पर बहुत उम्मीदें थी,लेकिन वो पूरी नहीं हो पायी। कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि यदि लोकसभा के साथ तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव कराये जाते तो मुक़ाबला नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गाँधी होता। उस स्थिति में अल्पसंखयक वोटर बीजेपी और कांग्रेस में किसी एक चुनते, तेलंगाना राष्ट्रिय समिति को नहीं।
तेलंगाना बीजेपी के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने भी चंद्रशेखर राव के जल्दी चुनाव करने के फैसले का विरोध करते हुए कहा की राव को पता है कि यदि राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने तयशुदा समय पर होते तो उनके सत्ता में वापसी नहीं हो सकती थी। इसी डर की वजह से विधानसभा भंग करके जल्दी चुनाव कराना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी रूप से तेलंगाना में चार राज्यों के साथ चुनाव करना संभव नहीं लगता है। तेलंगाना बीजेपी के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यदि कोई वोटर किसी पार्टी को वोट देने का मन बना लेता है तो तीन-चार महीने पहले चुनाव होने पर वो अपना मन बदल लेगा। बीजेपी को पूरा विश्वास है कि बीजेपी को राज्य में अच्छी स्थिति में है। राज्य में जब भी चुनाव होंगे उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है।