जामिया में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में उतरे विपक्षी दल, न्यायिक जांच की मांग
छात्रों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के विरोध में सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी दलों ने आगे आकर पूरी घटना की निंदा की।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जामिया मिलिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की 'बर्बरतापूर्ण' कार्रवाई के विरोध में सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी दलों ने आगे आकर पूरी घटना की निंदा की। साथ ही सरकार ने मामले की सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच कराने की मांग की। विपक्ष का आरोप का था कि नागरिकता कानून का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे छात्रों को पुलिस ने बगैर विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के कैंपस में दाखिल होकर पीटा गया, जो निदंनीय है। वहीं छात्रों के ऊपर हुई इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी दोपहर बाद मोर्चा संभाला और इंडिया गेट पहुंचकर धरना दिया।
सामने आए विपक्षी दल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद अगुवाई में जिन प्रमुख विपक्षी दलों इसे लेकर सामने आए है, उनमें बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली, सीपीआई के ए. राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी और आरजेडी मनोज झा मौजूद थे। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश भर में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे है। मौजूदा हालात के सरकार को जिम्मेदार बताया और कहा कि यह आग उन्ही की लगाई है। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया था।
जामिया की घटना की जांच हो
वहीं सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि नागरिकता कानून कोई हिंदु-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह संविधान से छेड़छाड़ का मुद्दा है। जिसमें धार्मिक आधार पर नागरिकता तय की गई है। सीपीआई के डी राजा ने कहा कि जामिया की घटना में इस बात की जांच होनी चाहिए, कि यह कार्रवाई किसके आदेश पर की गई। उन्होंने देश के मौजूदा हालात को सिविल वार जैसा बताया। जहां कोई भी सुरक्षित नहीं महसूस नहीं कर रहा है। बसपा सांसद दानिश अली ने भी घटना की निंदा की और कहा कि छात्रों की जिस नागरिकता कानून को लेकर पिटाई गई है, सरकार को तुरंत संसद का विशेष सत्र बुलाकर उसे वापस लेना चाहिए।
पाकिस्तान मरा हुआ शेर है, कब तक उसका नाम लेकर डराएगी सरकार: आजाद
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से चर्चा में पाकिस्तान को 'मरा हुआ शेर' बताया और कहा कि यह ठीक वैसा ही है, जिसे घास-फूस भरकर सिर्फ खड़ा किया गया है। ऐसे में सरकार कब तक उसके नाम को लेकर हमें डराएगी। उन्होंने कहा कि वैसे भी भाजपा ने अंग्रेजों से सीखकर बांटो और राज करो की नीति पर काम रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जामिया के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा गया है। वह विवि के विजिटर है। जैसे ही समय मिलता है, वह पूरी बात उनके सामने रखेंगे।