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राज्यसभा में बवाल पर केंद्र के खिलाफ विपक्षी दलों का मार्च, राहुल गांधी बोले- सरकार ने की लोकतंत्र की हत्या

संसद के मानसून सत्र के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार सुबह बैठक की। यह बैठक राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई। इस बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद रहे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 02:57 PM (IST)
राज्यसभा में बवाल पर केंद्र के खिलाफ विपक्षी दलों का मार्च, राहुल गांधी बोले- सरकार ने की लोकतंत्र की हत्या
भविष्य की रणनीति बनाने के लिए आज बैठक करेंगे विपक्षी नेता

नई दिल्ली, एएनआइ। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने संसद में विपक्ष की आवाज को अनसुना किया है। इससे पहले केंद्र के खिलाफ रणनीति को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की। यह मीटिंग राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई। राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद रहे।

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विपक्ष के मार्च के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है। राहुल ने कहा कि संसद में देश के 60 प्रतिशत लोगों की आवाज को दबाया गया।

इस बीच संसद में कल विपक्षी सांसदों के मार्शलों के साथ मारपीट का सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश देख सकता है कि उन्होंने संसद में क्या किया। अगर उनमें जिम्मेदारी का अहसास है तो उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। हम अध्यक्ष से भी मांग करते हैं कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इस तरह की घटना को दोहराया नहीं जाना चाहिए।

राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सदन में हुई घटनाओं को लेकर सरकार पर आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो। पवार ने कहा कि सांसदों को नियंत्रित करने के लिए 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह एक हमला है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और डेरेक ओ ब्रायन सहित कई अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी सरकार पर हमला बोला। खड़गे ने भी आरोप लगाया कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। सरकार ने उनके आरोप को सत्य से परे बताते हुए खारिज कर दिया है। खड़गे ने कहा कि राज्यसभा में सरकार का व्यवहार अनुचित था। यह निर्णय लिया गया कि विधेयक पर कल चर्चा की जाएगी और आज हम ओबीसी आरक्षण विधेयक पर ध्यान केंद्रित करेंगे और संविधान संशोधन विधेयक पारित करेंगे। दुर्भाग्य से उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और उन्होंने इसे स्थानांतरित कर दिया।

बता दें कि विपक्ष ने बुधवार को राज्यसभा में सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 का विपक्ष ने जोरदा विरोध किया। विपक्ष का कहना है कि बीमा विधेयक कई लोगों की नौकरियां छीन लेगा और बेरोजगारी बढ़ाएगा। विधेयक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया था। विरोध करने वाले विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आकर विरोध जताने लगे। उन्होंने सरकार पर संसदीय मानदंडों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। संसद के ऊपरी सदन के निर्धारित समापन से दो दिन पहले बुधवार को राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा को दिन में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।


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