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राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू से विपक्षी नेताओं ने की मुलाकात, कल की घटना से कराया अवगत

19 जुलाई से 11 अगस्त तक कुल 17 दिन तक संसद का मानसून सत्र चला। आखिरी दिन राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। आज सदन के अध्यक्ष वेंकैया नायडू से विपक्षी नेताओं ने मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 01:34 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 01:34 PM (IST)
राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू से विपक्षी नेताओं ने की मुलाकात, कल की घटना से कराया अवगत
राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू से विपक्षी नेताओं ने की मुलाकात

 नई दिल्ली, एएनआइ। मानसून सत्र के दौरान बुधवार को राज्यसभा में घटी घटना से अवगत कराने को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की। कांग्रेस, शिवसेना, द्रमुक, राजद, CPIM, NCP, CPI, IUML और LJD के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया। इस मुलाकात की जानकारी देते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया, 'हम 15 पार्टियों के सभी नेता राज्यसभा के सभापति से मिले और एक ज्ञापन दिया। सभी पार्टियों के नेताओं और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी जो सदन में जो घटनाएं घटीं उसके बारे में बताया। हम धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमारी बात सुनी।'

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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे बताया ,'हमने कहा है कि सरकार ने कई विधेयक सदन में आदेश न रहते हुए भी पारित करा लिया। हर 10 मिनट में एक विधेयक पारित हुआ और बोलने का मौका नहीं मिला। कानूनों की कमियों को बताने के लिए समय नहीं दिया गया। हमने संविधान संशोधन बिल को समर्थन दिया, मकसद यही था कि सदन ठीक से चले।'  उन्होंने आगे कहा कि 'जो सरकार कहती है यदि आप उसे सच मान लें तो ठीक है। हमने और राज्यसभा के सभी सदस्यों ने देखा है। फुटेज को आप क्या-क्या कर सकते हैं सबको मालूम है। वहां फोर्स आई कैसे? इतने नॉर्मल मार्शल्स तो वहां नहीं थे और इतनी महिलाएं भी नहीं थीं।' बता दें कि राज्यसभा में बुधवार सुबह विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड्गे के साथ विपक्ष के नेताओं ने बैठक की थी।

आज मुलाकात के दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मामले का जिक्र किया। इससे पहले संसद सदस्यों और विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने मानसून सत्र में कटौती के विरोध में गुरुवार को संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला।

उल्लेखनीय है कि 19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र को 11 अगस्त को खत्म कर दिया गया। हालांकि दोनों सदनों की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलनी थी। पूरे सत्र विपक्ष की ओर से पेगासस जासूसी प्रकरण, कृषि कानूनों व पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर हंगामा किया गया।  


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