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उपसभापति चुनाव: वंदना चव्हाण नहीं, बीके हरिप्रसाद बने विपक्ष के उम्मीदवार

उपसभापति पद के लिए विपक्ष की ओर से मंगलवार को नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण का नाम लिया जा रहा था, हालांकि बाद में कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 02:41 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 10:59 AM (IST)
उपसभापति चुनाव: वंदना चव्हाण नहीं, बीके हरिप्रसाद बने विपक्ष के उम्मीदवार
उपसभापति चुनाव: वंदना चव्हाण नहीं, बीके हरिप्रसाद बने विपक्ष के उम्मीदवार

नई दिल्‍ली, [एजेंसी]। राज्यसभा में उपसभापति पद उम्‍मीदवार को लेकर विपक्ष के अंदर चला रहा गतिरोध खत्‍म हो चुका है। कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। हालांकि इससे पहले मंगलवार दिनभर की जद्दोजहद के बाद शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की वंदना चव्हाण का नाम इस उम्मीदवारी के लिए लिया जा रहा था।

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राज्यसभा के उपसभापति पद का चुनाव नौ अगस्त को होना है। उपसभापति पद के चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई थीं। सत्तापक्ष की ओर से जदयू से पहली बार सांसद बने हरिवंश का नाम लगभग तय है। बता दें कि उपसभापति का पद पीजे कुरियन के जुलाई में सेवानिवृत्त होने के बाद खाली  हुआ है।

उपसभापति का चुनाव इसलिए दिलचस्प है, क्योंकि राज्यसभा में न तो सत्तापक्ष के पास इसके लिए पर्याप्‍त बहुमत है और न ही विपक्ष के पास जरूरी आंकड़े हैं। ऐसे में अब तक दोनों खेमों से दूर दिख रहे बीजद की भूमिका बढ़ गई है।

राज्‍यसभा में मौजूदा गणित के हिसाब से उपसभापति पद पर जीत के लिए किसी भी पक्ष को 123 सांसदों का समर्थन चाहिए। सत्ताधारी राजग के खाते में अभी कुल 115 सांसद हैं तो कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 113 सांसद। ऐसे में यदि बीजद के 9 सांसद राजग के उम्मीदवार के साथ जाते हैं तो उसका जीतना तय है। इसी प्रकार यदि बीजद सांसद विपक्ष के साथ गए तो यह खेमा एक अतिरिक्त सदस्य का समर्थन हासिल कर सरकार को झटका दे सकता है।

वंदना चव्हाण का नाम सामने आने पर कहा जा रहा था कि संयुक्त उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस एक तरफ जहां अपनी सहयोगी एनसीपी को खुश करना चाहती है तो वहीं उसे इस बात का भी भरोसा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार अपने सियासी रसूख का इस्तेमाल कर इस चुनाव में बीजद का समर्थन हासिल कर लेंगे। हालांकि अब कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद की उम्मीदवारी के बाद विपक्ष की एकता का क्या होगा, यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। इसी प्रकार जदयू के हरिवंश सिंह को सरकार की ओर से संयुक्त उम्मीदवार बनाकर भाजपा राजग कुनबे को एक रखने की कोशिश में है।

अखबार के संपादक रहे हरिवंश
राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से प्रत्याशी जेडीयू सांसद हरिवंश होंगे। वह इससे पहले हिंदी अखबार प्रभात खबर के संपादक रह चुके हैं। अप्रैल, 2014 में राज्यसभा के लिए बिहार से चुने गए थे। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2020 में पूरा होगा। हरिवंश का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया में 30 जून, 1956 को हुआ था। वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक हैं, और झारखंड की राजधानी रांची में आवास है।


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