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वोटर आइडी को आधार से जोड़ने पर सामने आया विपक्ष का दोहरा रवैया, सदन में विरोध तो आयोग से किया था आग्रह

मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने को लेकर कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल संसद में भले ही भारी हंगामा और विरोध कर रहे है लेकिन शायद वह भूल गए है कि चुनाव आयोग से पूर्व में वह मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का आग्रह कर चुके है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 05:45 AM (IST)
वोटर आइडी को आधार से जोड़ने पर सामने आया विपक्ष का दोहरा रवैया, सदन में विरोध तो आयोग से किया था आग्रह
वोटर आइडी को आधार से जोड़ने पर सामने आया विपक्ष का दोहरा रवैया

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने को लेकर कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल संसद में भले ही भारी हंगामा और विरोध कर रहे है, लेकिन शायद वह भूल गए है कि चुनाव आयोग से पूर्व में वह मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का आग्रह कर चुके है। ऐसी मांग करने वालों में कोई एक- दो राजनीतिक पार्टियां ही नहीं थी, बल्कि सभी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों के साथ राज्यों की प्रभावशाली व राज्यस्तरीय 34 राजनीतिक पार्टियां भी शामिल थी।

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आयोग के साथ बैठक में सभी दलों ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का किया था आग्रह

राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से यह अनुरोध अगस्त 2018 में चुनाव सुधारों को लेकर बुलाई गई बैठक में किया था। जिसमें सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियां शामिल थी। राजनीतिक दलों ने आयोग से कहा था कि वह चुनाव सुधारों की दिशा में तेजी से काम करें। साथ ही मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का आग्रह किया और कहा कि इससे मतदाता पहचान पत्र का प्रबंधन बेहतर होगा। ऐसे में सवाल यह है कि जब आयोग के सामने राजनीतिक दलों ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का आग्रह किया था, फिर सरकार जब इस दिशा में आगे बढ़ी, तो विरोध क्यों? राजनीतिक दलों ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की मांग का समर्थन सिर्फ आयोग से ही नहीं, बल्कि स्टैंडिंग कमेटी में भी किया था।

मतदाता सूची के बेहतर प्रबंधन के लिए आधार से लिंक को बताया जरुरी

खासबात यह है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने फर्जी वोटरों का मामला सामने उठाया था। कांग्रेस के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कमलनाथ ने इस संबंध में आयोग को एक ज्ञापन भी दिया था। जिसमें यह मांग की थी कि फर्जी वोटरों की जांच कराई जाए। साथ ही इसे आधार से लिंक किया जाए। इस बीच राजनीतिक दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने सरकार से मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने की सिफारिश की थी। माना जा रहा है कि आयोग की सिफारिश के बाद सरकार ने चुनाव सुधारों को लेकर विधेयक लाने का फैसला लिया है।


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