उफान पर सियासी संग्राम, कृषि बिल-सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने किया संसद के मानसून सत्र का बहिष्कार
कृषि विधेयक को वापस लेकर एक नया बिल लाया जाए जिसके जरिये सुनिश्चित किया जाए कि कंपनियां एमएसपी से नीचे की कीमत पर किसानों की फसल नहीं खरीद सकेंगी। साथ ही स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट के हिसाब से एमएसपी तय किया जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने कृषि सुधारों से जुड़े विधेयकों पर अपने सियासी संग्राम को और तेज करते हुए संसद के मानसून सत्र के बहिष्कार का एलान कर दिया। कृषि विधेयकों के साथ अपने आठ राज्यसभा सांसदों के निलंबन का जबरदस्त विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने पूरे मानसून सत्र का बहिष्कार शुरू कर दिया।
किसानों और निलंबित सांसदों के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने किया लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार
किसानों और निलंबित सांसदों के मुद्दे पर एकजुटता का संदेश देने के लिए विपक्षी दलों ने लोकसभा की कार्यवाही का भी बहिष्कार किया। विपक्षी दलों ने कृषि विधेयकों और सांसदों का निलंबन वापस लिए जाने तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रखने की भी घोषणा की है।
किसानों के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष, राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मानसून सत्र का किया बहिष्कार
किसानों के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष ने माफी की शर्त पर सांसदों का निलंबन खत्म करने की सरकार की पेशकश को भी ठुकरा दिया है। राज्यसभा में विपक्षी दलों के मानसून सत्र का बहिष्कार करने की घोषणा सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने की।
आजाद ने कहा- कृषि विधेयकों को वापस लेकर नया बिल लाया जाए
संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठे आठ सांसदों से सुबह मुलाकात के बाद सदन में आए आजाद ने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा में तीन मांगे रख रहे हैं। पहली मांग है कि कृषि विधेयक को वापस लेकर एक नया बिल लाया जाए जिसके जरिये सुनिश्चित किया जाए कि कंपनियां एमएसपी से नीचे की कीमत पर किसानों की फसल नहीं खरीद सकेंगी। साथ ही स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट के हिसाब से एमएसपी तय किया जाए।
केंद्र सरकार और एफसीआई किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदना सुनिश्चित करें
दूसरी कि केंद्र सरकार और भारतीय खाद्य निगम किसानों की फसल एमएसपी पर खरीद को पूरे देश में सुनिश्चित करे।
आठ विपक्षी सांसदों का एकतरफा निलंबन वापस लिया जाए
जबकि तीसरी मांग है कि आठ विपक्षी सांसदों का निलंबन एकतरफा बिना उनकी बात सुने किया गया है उसे वापस लिया जाए।
आजाद ने कहा- मांगों के माने जाने तक मानसून सत्र का बहिष्कार
आजाद ने कहा कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल इन बातों से सहमत है और इसीलिए इन मांगों के माने जाने तक मानसून सत्र का बहिष्कार करते हैं। इस एलान के तुरंत बाद कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक, राजद, एनसीपी और वामदल समेत सभी विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर जाकर सत्र का बहिष्कार शुरू कर दिया।
उपसभापति हरिवंश की चाय निलंबित सांसदों ने किया पीने से इन्कार
विपक्षी दलों के तेवरों का संकेत सुबह ही मिल गया जब चाय लेकर अपनी तरफ से नरमी का संदेश देने गए उपसभापति हरिवंश की चाय निलंबित सांसदों ने पीने से इन्कार कर दिया। सत्र के बहिष्कार के एलान के बाद राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी आनंद शर्मा, जयराम रमेश, डेरेक ओब्रायन, रामगोपाल यादव और मनोज झा ने हिस्सा नहीं लिया।
विपक्ष की एकजुटता को देखकर सभी आठ सांसदों ने किया धरना खत्म
सत्र बहिष्कार की सदन में घोषणा के बाद आजाद दुबारा धरने पर बैठे निलंबित सांसदों से रूबरू हुए और विपक्षी दलों के संयुक्त फैसले की जानकारी दी। विपक्ष के एकजुट निर्णय को देखते हुए डेरेक ओब्रायन, राजीव सातव और संजय सिंह समेत सभी आठ सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया।
अधीर रंजन ने कहा- कृषि मंत्री देश और किसानों को कर रहे गुमराह
राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के मामले से गरमाई सियासत का असर लोकसभा की कार्यवाही पर भी हुआ। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन शुरू होते ही कृषि विधेयकों के पारित किए जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए रबी फसलों की एमएसपी में सोमवार को की गई बढोतरी को बेहद मामूली करार दिया। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पर देश और किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अधीर ने कहा कि किसानों को आपकी बातों पर भरोसा नहीं है।
एमएसपी की गारंटी के लिए नये बिल की लोकसभा में मांग
एमएसपी की गारंटी के लिए अधीर ने नये बिल की आजाद की मांग लोकसभा में भी दोहरायी। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी समेत दूसरे विपक्षी सदस्यों ने उनकी बातों से सहमति जताई। सदन में हंगामा भी हुआ और एक घंटे के लिए कार्यवाही ठप भी हुई।
सांसदों के निलंबन को गलत ठहराते हुए पूरे विपक्ष ने किया लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार
इसके बाद अधीर ने राज्यसभा में सांसदों के निलंबन को गलत ठहराते हुए पूरे विपक्ष के साथ लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। बहिष्कार से पैदा हुए गतिरोध पर स्पीकर ओम बिरला ने अपनी तरफ से पहल करते हुए देर शाम विपक्षी नेताओं को चाय पर बुलाकर उन्हें समझाने का प्रयास भी किया।