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12वें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी राज्‍यसभा की कार्यवाही, विपक्ष ने केंद्र पर लगाया आरोप

मंगलवार को गुलाम नबी आजाद बोलने के लिए उठ खड़े हुए, लेकिन तभी एआईएडीएमके और टीडीपी के सांसदों अध्यक्ष के मंच के पास जाकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 04:43 PM (IST)
12वें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी राज्‍यसभा की कार्यवाही, विपक्ष ने केंद्र पर लगाया आरोप
12वें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी राज्‍यसभा की कार्यवाही, विपक्ष ने केंद्र पर लगाया आरोप

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। संसद का बजट सत्र पिछले कुछ दिनों से लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। राज्‍यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में लगातार कार्यवाही कई मुद्दों के कारण हंगामा होने की वजह से बाधित हो रही है। मंगलवार को लगातार 12वें दिन भी संसद के उच्‍च सदन में कोई काम नहीं हो पाया और हंगामे के बाद राज्‍यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दी गई। विपक्ष ने राज्‍यसभा में लगातार हो रहे गतिरोध के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है।

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मंगलवार को विपक्ष ने राज्यसभा में निरंतर गतिरोध के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। संसद के ऊपरी सदन को मंगलवार को लगातार 12 वीं कार्य दिवस के लिए किसी भी व्यवसाय के लेन-देन के बिना दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सदन की कार्यवाही में गतिरोध के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा, 'देखिए, हम नहीं चाहते कि सदन में सिर्फ हंगामा हो और कार्यवाही बाधित होती रहे। हम तीन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। इनमें से एक है बैंकिंग धोखाधड़ी, जिसमें अरबों रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से गायब हो गए। दूसरा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा देने का मुद्दा और तीसरा कावेरी जल प्रबंधन। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है।

हालांकि, मंगलवार को गुलाम नबी आजाद बोलने के लिए उठ खड़े हुए, लेकिन तभी एआईएडीएमके और टीडीपी के सांसदों अध्यक्ष के मंच के पास जाकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इसलिए आजाद को अपनी बात रखने के लिए चिल्‍लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि कई विपक्षी पार्टियों ने सुबह मुलाकात की और निर्णय लिया कि राज्‍यसभा को काम करना चाहिए और सरकार के बिलों सहित सभी प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्‍होंने बताया कि राज्‍यसभा में वह तीन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, वह बिलों पर चर्चा करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि इन मुद्दों पर चर्चा के अलावा सरकार के कार्य पर भी बातचीत हो। वह बोले, 'मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो इन सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर चर्चा का मार्ग सुगम बनाए।

आजाद ने राज्‍यसभा में हो रहे शोरगुल के बीच कहा, 'सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए इन विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बात करने के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किया है। इसलिए सरकार इस गतिरोध के लिए जिम्मेदार है। विपक्ष की एकजुट होकर कार्य करने और सदन की कार्यवाही चलाने में दिलचस्पी है।'

मंगलवार को राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कम्युनिस्ट पाटी सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियां गुलाम नबी आजाद के कक्ष में मुलाकात की और ऊपरी सदन में जारी हंगामे पर चर्चा की। विपक्षी नेताओं ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की सहयोगी पार्टियां जानबूझ कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं, ताकि पीएनबी बैंकिंग धोखाधड़ी पर चर्चा से बचा जा सके।


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