उमर-महबूबा पर पीएसए लगाए जाने से विफरा विपक्ष, प्रियंका बोलीं- संविधान के साथ हमेशा खड़े रहे दोनों
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने छह महीने से हिरासत में रखे गए जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ PSA लगाए जाने पर गंभीर एतराज जताया है। जानें किसने क्या कहा...
नई दिल्ली, जेएनएन। PSA on Omar Abdullah and Mehbooba Mufti कांग्रेस ने छह महीने से हिरासत में रखे गए जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ अब जन सुरक्षा कानून (PSA) लगाए जाने पर गंभीर एतराज जताते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर PSA लगाने के सरकार के आधार पर सवाल उठाया है। वहीं पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकतंत्र में बिना आरोप किसी को हिरासत में रखना सबसे निम्न स्तर का काम है।
माकपा ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम से साफ है कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य हालात का सरकार का दावा गलत है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दोनों नेताओं के खिलाफ पीएसए लगाए जाने की खबर पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'किस आधार पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए लगाया गया है? इन्होंने भारतीय संविधान का पालन किया, हमारी लोकतांत्रिक प्रकिया के प्रति निष्ठावान रहे, अलगाववादियों के खिलाफ खड़े हुए, कभी हिंसा और विभाजनकारी नीतियों का समर्थन नहीं किया। इसीलिए बिना किसी आरोप कैद में रखने की जगह ये दोनों तत्काल रिहा किए जाने के हकदार हैं।'
पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम ने भी ट्वीट कर कहा कि महबूबा और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ क्रूर पीएसए धारा लगाए जाने से वे हतप्रभ और निराश हैं। जब अन्यायपूर्ण कानून का सरकार इस्तेमाल करेगी तो फिर लोगों के पास शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अलावा और क्या रास्ता है? संसद से पारित कानून का पालन करने के प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने कहा कि पीएम इतिहास के उदाहरण भूल गए हैं। महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अन्यायपूर्ण कानूनों का असहयोग आंदोलन और सत्याग्रह के जरिये शांतिपूर्ण विरोध होगा।