Operation Sindoor: 'हमारे पास अधिकार और संस्थाएं', कुवैत-बहरीन में मुस्लिमों पर पूछा सवाल तो ओवैसी ने दिया शानदार जवाब
Highlights Minority Rights Abroad सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख से दुनिया को अवगत करा रहा ह ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख से दुनिया को अवगत कराने गया सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पूरी एकजुटता और स्पष्टता से यह भी बता रहा है कि यहां अल्पसंख्यकों को पूरा अधिकार प्राप्त है, जबकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल अपनी यात्रा के दौरान आंकड़े भी पेश कर रहा है और साक्ष्य भी दिखा रहा है। इस दौरान कुछ देशों में इस पर बात की भी चर्चा हो रही है कि भारत ने कितनी सटीकता से पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेदा।
भारत से सात प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर है। कुल 33 देशों में इन प्रतिनिधिमंडलों का दौरा हो रहा है, जो अहम हैं। इनमें कुवैत, बहरीन, सऊदी अरब जैसे देशों की संवेदनशीलता कुछ अलग है, जहां बैजयंत पांडा के नेतृत्व में टीम गई है, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी और निशिकांत दुबे भी शामिल हैं। इन सभी देशों में भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को सराहा गया है।
कुवैत-बहरीन को ओवैसी ने क्या जवाब दिया?
सूत्रों के अनुसार, सभी टीमें रोजाना तीन से चार समूहों से मिलती और चर्चा करती है। बताते हैं कि बहरीन में एक गैर सरकारी बैठक में जब टीम से अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में सवाल पूछा गया तो ओवैसी ने तत्काल संविधान की धारा 25-30 का उल्लेख कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में उन्हें अधिकार प्राप्त है और कई संस्थाएं तो केवल मुस्लिमों के लिए चलाई जा रहीं हैं। यह बताते हुए वह काफी आक्रामक नजर आए।
भारत हमेशा की फिलिस्तीन की मदद
कुवैत मे ऐसी ही किसी बैठक में किसी ने इजरायल को लेकर भारत की नीति का सवाल किया तो निशिकांत ने कमान संभाली। निशिकांत ने कहा कि भारत हमेशा से इजरायल और फिलिस्तीन के 'टू नेशन' को समर्थन देता रहा है।
यासर अराफात के फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन को भी भारत ने मान्यता दी थी। इतना ही नहीं भारत ने बजटीय प्रविधान के जरिए 39 मिलियन डॉलर की मदद फिलिस्तीन को दी है।
ओवैसी ने भी निशिकांत के सुर में सुर मिलाया और कहा कि बाजार से अपनी जरूरतों के लिए हर देश कुछ खरीदता है। बताते हैं कि सरकारी स्तर पर होने वाली बैठकों में आतंकवाद के मुख्य एजेंडे पर ही चर्चा होती है। उन देशों के प्रतिनिधियों को ओर से भी भारत को पूरा समर्थन मिल रहा है।
सूत्रों के अनुसार कई भारत की क्षमता से प्रभावित हैं। सूत्रों के अनुसार, संजय झा के नेतृत्व में जापान गए प्रतिनिधिमंडल से कुछ लोगों ने यह जानना चाहा कि भारत ने कितनी सटीकता से लक्ष्य को भेदा। गौरतलब है कि 7 मई को भारत ने जो 24 मिसाइल दागे थे, वह बिल्कुल निशाने पर लगे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि निशाना लक्ष्य के अधिकतम एक -दो मीटर के दायरे में लगा था।

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