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सीएए पर यूरोपीय संघ में चर्चा पर भारत की कूटनीति जीत, सरकार ने फिर कहा, हमारा आतंरिक मामला

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि हमने यूरोपीय संघ की संसद में आज मतदान करने के लिए नागरिकता संशोधन का कानून (सीएए) के प्रस्ताव को नहीं रखने के फैसले को नोट किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 05:49 PM (IST)
सीएए पर यूरोपीय संघ में चर्चा पर भारत की कूटनीति जीत,  सरकार ने फिर कहा, हमारा आतंरिक मामला
सीएए पर यूरोपीय संघ में चर्चा पर भारत की कूटनीति जीत, सरकार ने फिर कहा, हमारा आतंरिक मामला

नई दिल्‍ली, एएनआइ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि हमने यूरोपीय संघ की संसद में आज मतदान करने के लिए नागरिकता संशोधन का कानून (सीएए) के प्रस्ताव को नहीं रखने के फैसले को नोट किया है। हमने यूरोपीय आयोग के स्पष्टीकरण पर ध्यान दिया है कि यूरोपीय संसद और उसके सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई राय यूरोपीय संघ की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। आज फिर कहा कि यह हमारा आतंरिक मामला है।

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ज्ञात रहे कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत के बढ़ते प्रभाव का असर यूरोपीय संसद में देखने को मिला है। भारत के भारी विरोध और उसके मित्रों के दबाव के चलते नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यूरोपीय संसद (ईपी) में पेश पांच विभिन्न संकल्पों से संबंधित संयुक्त प्रस्ताव पर मतदान मार्च तक टल गया है। पहले प्रस्ताव पर बुधवार को बहस के बाद गुरुवार को मतदान होना था। पाकिस्तान ने कुछ यूरोपीय मित्र देशों की मदद से प्रस्ताव पर मतदान कराने की कोशिश की थी, लेकिन उसे यहां भी मुंह की खानी पड़ी।

मार्च तक टाल दिया गया मतदान 

यूरोपीय संसद की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'ब्रुसेल्स में सत्र शुरू होने पर यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) द्वारा लिए गए फैसले के बाद सीएए पर पेश प्रस्ताव पर मतदान को मार्च तक टाल दिया गया।' हालांकि, मतदान टलने के कारणों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव का सख्त विरोध किया था और इसे अपने आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करार दिया था। भारत सरकार का कहना है कि पिछले महीने संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देश का आंतरिक मामला है और इसका उद्देश्य पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार अल्पसंख्यकों को संरक्षण प्रदान करना है।

एक को छोड़ ज्‍यादातर सार्क देशों से अच्‍छे संबंध 

रवीश कुमार ने कहा कि एक देश को छोड़कर सभी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के साथ भारत के उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध हैं। जब आप सीमा पार आतंकवाद करते हैं तो क्षेत्रीय सहयोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

चीन से भारतीयों को निकालने का कर रहे हैं प्रयास

उधर, चीन में कोरोना वायरस कर्इ शहरों में दहशत का पर्याय बन चुका है। अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है। छह हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि हमें किसी भी भारतीय के कोरोना वायरस से प्रभावित होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। भारत सरकार चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण उत्पन्न स्थिति की नियमित समीक्षा कर रही है। हमने हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को वापस करने के लिए चीन को दो विमानों को संचालित करने का अनुरोध किया है। हम चीन से औपचारिक पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहे हैं।  


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