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सार्क दिवस पर पीएम मोदी ने साधा पाक पर निशाना- आतंकवाद से लगा सार्क सहयोग पर ग्रहण

भारत ने सार्क को दरकिनार कर उसकी जगह एक दूसरे क्षेत्रीय सहयोग संगठन बिम्सटेक को बढ़ावा देने की रणनीति अपना ली।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 09:17 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 10:44 PM (IST)
सार्क दिवस पर पीएम मोदी ने साधा पाक पर निशाना- आतंकवाद से लगा सार्क सहयोग पर ग्रहण
सार्क दिवस पर पीएम मोदी ने साधा पाक पर निशाना- आतंकवाद से लगा सार्क सहयोग पर ग्रहण

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई देशों के बीच रिश्तों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 35 वर्ष पहले स्थापित सार्क संगठन का भविष्य़ अभी अंधकारमय ही दिख रहा है। सार्क के स्थापना दिवस पर रविवार (8 दिसंबर) को पीएम नरेंद्र मोदी ने सार्क सचिवालय को पत्र लिख कर एक समृद्ध व शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है तो उन्होंने परोक्ष तौर पर यह भी बता दिया है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की वजह से ही सार्क पर ग्रहण लगा है।

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आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई से ही बढ़ेगा सदस्य देशों में भरोसा- मोदी

पीएम मोदी ने यह भी संकेत दे दिया है कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ ठोस व निर्णायक कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक सार्क सदस्यों के बीच भरोसे का संचार भी नहीं हो सकता।

सार्क की राह में जो अड़चनें पैदा की गई हैं वे जल्द होंगी समाप्त- इमरान

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी इस अवसर पर औपचारिक संदेश देते हुए उम्मीद जताई है कि सार्क की राह में जो अड़चनें पैदा की गई हैं वे जल्द समाप्त की जाएंगी।

सार्क के सदस्य देशों को आतंकवाद से लगा धक्का- मोदी

पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा है कि वैसे तो सार्क का गठन आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए हुआ था, लेकिन इस दिशा में अभी काफी काम किया जाना शेष है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि सदस्य देशों के बीच सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए की जाने वाली कोशिशों को आतंकवाद के खतरों से काफी धक्का लगा है। अगर सार्क की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना है तो हमें वैसा माहौल भी बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

सार्क के सदस्य देशों में भरोसा तभी पैदा होगा जब आतंकवाद की जड़ें खत्म हों

यह जरुरी है कि इस क्षेत्र के सभी देश आतंकवाद और इसे समर्थन देने वाली ताकतों को हराने के लिए आतंकवाद के स्त्रोतों को नष्ट करे। ऐसा करने से ही सदस्य देशों के बीच भरोसा पैदा होगा और सार्क मजबूत होगा। कहने की जरुरत नहीं कि पीएम मोदी ने सार्क को लेकर भारत की पारंपरिक नीतियों को ही बताया है और पाकिस्तान का नाम लिये बगैर उसे सार्क की राह में सबसे बड़ी बाधा के तौर पर चिन्हित कर दिया है।

इमरान ने सार्क दिवस पर संदेश में कहा- पाक क्षेत्रीय विकास में सहयोग का समर्थन करता है

दूसरी तरफ पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी सार्क दिवस पर अपने संदेश में कहा है कि, सार्क को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में जो अंतराल पैदा हुआ है उसे जल्द ही दूर किया जाएगा। उन्होंने दक्षिण एशिया के सभी निवासियों के लिए शांति, समृद्धि और संपन्नता की कामना करते हुए कहा है कि यह दिवस हमें बताता है कि इस क्षेत्र की जनता ने हमारे कंधे पर कितना बड़ा दायित्व डाला हुआ है। इस क्षेत्र की जनता यहां के नेताओं से उम्मीद करती है कि वह अशिक्षा, गरीबी, बीमारी की चुनौतियों से लड़ेगी। पाकिस्तान क्षेत्रीय विकास में सहयोग का पूरा समर्थन करता है और समझता है कि यह सार्क चार्टर के मुताबिक क्षेत्रीय संप्रभुता व परस्पर आदर भाव से हासिल किया जा सकता है।

सार्क के भविष्य पर अनिश्चतता के बादल मंड़राने लगे

भारत व पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की तरफ से सार्क दिवस पर संदेश उस समय आये हैं जब इस संगठन का भविष्य पूरी तरह से अनिश्चत है। सार्क देशों की पिछली शिखर बैठक वर्ष 2016 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होनी तय थी, लेकिन जनवरी, 2016 में पठानकोट और उसके बाद उरी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंक के खिलाफ भारत ने बेहद सख्त रणनीति अख्तियार कर ली है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश व भारत समेत सभी अन्य देशों की विरोध की वजह से सार्क शिखर बैठक नहीं हो सकी।

भारत ने सार्क को दरकिनार कर बिम्सटेक को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई

भारत ने सार्क को दरकिनार कर उसकी जगह एक दूसरे क्षेत्रीय सहयोग संगठन बिम्सटेक को बढ़ावा देने की रणनीति अपना ली। उसके बाद सार्क सहयोग भी तकरीबन बिखरा हुआ है। बिम्सेटक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान व मालदीव के अलावा सार्क के शेष देश व साथ ही म्यांमार व थाइलैंड भी शामिल है।

सार्क को लेकर भारत का बदला मिजाज

सार्क को लेकर भारत के बदले मिजाज को पीएम मोदी के दूसरे शपथग्रहण समारोह से भी पता चलता है। वर्ष 2014 के शपथ ग्रहण में सार्क के सभी सदस्यों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया गया था जबकि मई, 2014 में बिम्सटेक देशों के सदस्यों को बुलाया गया था। 


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