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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले, संसद की नई इमारत के लिए नहीं टूटेंगे दूसरे भवन

नये संसद भवन के निर्माण से जुड़े सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मौजूदा संसद भवन 8838 वर्ग मीटर में है। जबकि संसद भवन की नई इमारत परिसर के जिस 118 नंबर प्लाट पर बनाई जा रही है वह 8822 वर्ग मीटर है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:31 PM (IST)
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले, संसद की नई इमारत के लिए नहीं टूटेंगे दूसरे भवन
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक नई संसद का निर्माण हो जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने साफ किया है कि मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों की उनसे कोई शिकायत नहीं रही। सत्र के आखिरी दिन सदन का बहिष्कार विपक्षी पार्टियों ने अपने राजनीतिक वजहों से किया। स्पीकर ने यह भी कहा कि नये संसद भवन के लिए मौजूदा संसद परिसर का प्लाट ही पर्याप्त है। इसीलिए अब रेल भवन और परिहवन भवन जैसे बिल्डिंग इसके लिए तोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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मानसून सत्र की कोविड के कारण समय से पूर्व हुई समाप्ति के बाद स्पीकर ओम बिरला ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बात कही। कृषि विधेयकों को पारित कराने के दौरान राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश के साथ विपक्षी दलों के हुए विवाद के मद्देनजर स्पीकर ने विपक्षी दलों के सत्र बहिष्कार को लेकर अपनी तरफ से तस्वीर साफ की। विपक्षी दलों के नेताओं की चाय पर बुलाकर की गई चर्चा का हवाला देते हुए बिरला ने कहा कि इन नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनके साथ उनका कोई मसला नहीं है।

नई बिल्डिंग में 1400 से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी

नये संसद भवन के निर्माण से जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि मौजूदा संसद भवन 8838 वर्ग मीटर में है। जबकि संसद भवन की नई इमारत परिसर के जिस 118 नंबर प्लाट पर बनाई जा रही है वह 8822 वर्ग मीटर है। संसद की नई बिल्डिंग में 1400 से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी और इसे भविष्य में परिसीमन के बाद सांसदों की संख्या बढ़ने के हिसाब से बनाया जाएगा। नये संसद भवन के राज्यसभा कक्ष में 400 और लोकसभा में 1000 सांसदों के बैठने की जगह होगी। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा होने के मौके पर संसद के नये भवन में सत्र कराए जाने का लक्ष्य है।

मानसून सत्र के दौरान 2300 लिखित प्रश्नों का दिया गया जवाब

कोराना काल में हुए मानसून सत्र के कामकाज पर संतोष जाहि करते हुए बिरला ने कहा कि लोकसभा की कामकाज की उत्पादकता 167 फीसदी रही। सत्र की बैठकें भले 10 हुई लेकिन इस दौरान 25 विधेयक पारित हुए। कृषि से लेकर कोराना महामारी और दूसरे विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। शून्य काल में 370 मामले उठाए गए। मौखिक प्रश्नों का जवाब नहीं हुआ मगर सदस्यों को अहम मुद्दे उठाने का मौका दिया गया। साथ ही 2300 लिखित प्रश्नों का जवाब दिया गया। स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि सभी विधेयकों और मुद्दों पर विपक्ष को पर्याप्त मौका दिया गया। स्पीकर ने कहा कि इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि विधेयकों को बहस कराए बिना पारित कराया गया। कोविड-19 महामारी के खतरे के बावजूद सत्र में सदस्यों की औसत उपस्थिति काफी अधिक रही जो देश के लिए सकारात्मक संदेश है। इससे लोगों की लोकतांत्रिक संस्थाओं में आस्था मजबूत हुई है।


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