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त्रिपुरा में अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

याचिकाकर्ता संगठन का कहना है कि बांग्लादेश से आए अवैध आव्रजकों के चलते जो लोग एक समय में बहुमत में थे, वह अब अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक हो गए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jan 2019 07:09 PM (IST)
त्रिपुरा में अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस
त्रिपुरा में अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

नई दिल्ली, आइएएनएस। पासपोर्ट नियमों और विदेशियों के आदेश संबंधी 2015 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार को नोटिस जारी किया है। इस कानूनी संशोधन के जरिए बांग्लादेश में मुकदमे का सामना करने से बचने के लिए अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को अवैध तरीके देश के सीमावर्ती राज्य त्रिपुरा में घुसने और उन्हें यहां रहने देने पर ऐतराज जताया गया है।

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देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने विगत शुक्रवार को त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट की याचिका पर केंद्र सरकार और त्रिपुरा से जवाब तलब किया। त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि बांग्लादेश से अवैध आव्रजकों के अंधाधुंध आने से त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर आबादी के ढांचे में बदलाव आ रहा है। पासपोर्ट नियमों में संशोधन का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता संगठन का कहना है कि बांग्लादेश से आए अवैध आव्रजकों के चलते जो लोग एक समय में बहुमत में थे, वह अब अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक हो गए हैं।

पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) संशोधन नियमन, 2015 और विदेशी (संशोधन) आदेश, 2015 दोनों को याचिकाकर्ता ने विगत सात सितंबर, 2015 को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने इस कानून को भेदभावपूर्व, मनमाना और अवैध है।


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