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महाराष्‍ट्र में साल 2014 की तुलना में इस बार खूब चला NOTA, 1.35 फीसद तक पहुंचा आंकड़ा

महाराष्‍ट्र में साल 2014 के विधानसभा चुनावों में नोटा का इस्‍तेमाल करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत 0.91 था जो इस चुनाव में बढ़कर 1.35 फीसद तक पहुंच गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 03:01 PM (IST)
महाराष्‍ट्र में साल 2014 की तुलना में इस बार खूब चला NOTA, 1.35 फीसद तक पहुंचा आंकड़ा
महाराष्‍ट्र में साल 2014 की तुलना में इस बार खूब चला NOTA, 1.35 फीसद तक पहुंचा आंकड़ा

मुंबई, पीटीआइ। बीते 24 अक्‍टूबर को आए महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे कई संकेत दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनकी दिलचस्‍पी चुनावों में खड़े उम्‍मीदवारों के प्रति कम हो रही है या बदलती सियासत से मोह भंग हो रहा है। कारण जो भी हों लेकिन ईवीएम में नोटा के बटन का इस्‍तेमाल महाराष्‍ट्र में पिछले विधानसभा चुनाओं से काफी बढ़ा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि महाराष्‍ट्र में साल 2014 के विधानसभा चुनावों में नोटा का इस्‍तेमाल करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत 0.91 था जो इस चुनाव में बढ़कर 1.35 फीसद तक पहुंच गया है। 

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रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्‍ट्र में भाजपा को और 23 सीटें मिल सकती थीं लेकिन वोटिंग गणित में खेल ऐसा बिगड़ा कि ये सीटें कांग्रेस और एनसीपी के खाते में चली गईं। आंकड़ों के मुताबि‍क, साल 2014 में नोटा पर 7,42,134 वोट पड़े थे जो इस बार बढ़कर 7,42,134 हो गए। आलम यह रहा कि इस बार महाराष्‍ट्र की 288 विधानसभा सीटों में दो पर नोटा को वोट पड़े। लातूर ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्‍मीदवार धीरज देशमुख विजयी हुए और उन्‍हें 1,35,006 मत मिले जबकि नोटा पर 27,500 वोट पड़े।

पश्चिम महाराष्‍ट्र के सांगली जिले की पलूस कड़ेगांव विधानसभा सीट पर भी नोटा का जलवा कायम रहा। इस सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार विश्‍वजीत कदम ने 1,71,497 के साथ जीत दर्ज की जबकि नोटा 20,631 मतों के साथ दूसरे स्‍थान पर रहा। विश्‍वजीत कदम दिग्‍गज कांग्रेस नेता पतंगराव कदम बेटे हैं जबकि धीरज देशमुख पूर्व मुख्‍यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे हैं। पलूस कड़ेगांव सीट पर शिवसेना के संजय विभूते 8,976 मतों के साथ तीसरे स्‍थान पर रहे।

उल्लेखनीय रूप से, शिवसेना के संजय विभूते को 8,976 मतों के साथ इस सीट पर तीसरे स्थान पर रखा गया। हाई-प्रोफाइल नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में जहां से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी, 3064 मतदाताओं या कुल वोटों के 1.59 प्रतिशत मतों को दबाकर NOTA बटन दबाकर पुन: निर्वाचित हुए। यही नहीं हरियाणा में भी नोटा चुनने वालों की संख्‍या कम नहीं थी। हालांकि, गनीमत यह रही कि नोटा ने विधानसभा चुनाव नतीजों पर कोई असर नहीं डाला। 


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