Move to Jagran APP

असम-मिजोरम विवाद: कांग्रेस की राजनीति पर भड़के पूर्वोत्तर के सांसद, विभाजनकारी सियासत को लेकर पीएम को किया आगाह

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस की राजनीति को लेकर पूर्वोत्तर भारत के सांसद भड़क गए हैं। पूर्वोत्तर भारत के लगभग एक दर्जन सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को लेकर आगाह किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 01:00 AM (IST)
असम-मिजोरम विवाद: कांग्रेस की राजनीति पर भड़के पूर्वोत्तर के सांसद, विभाजनकारी सियासत को लेकर पीएम को किया आगाह
असम विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को कर दिया खारिज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस की राजनीति को लेकर पूर्वोत्तर भारत के सांसद भड़क गए हैं। पूर्वोत्तर भारत के लगभग एक दर्जन सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को लेकर आगाह किया है।

loksabha election banner

पूर्वोत्तर के सांसदों ने पीएम को पत्र लिख कांग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति का लगाया आरोप

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन सांसदों ने कांग्रेस पर आजादी के बाद से ही पूर्वोत्तर भारत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार कांग्रेस ने आजादी के बाद से ही राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभिन्न गुटों को आपस में लड़ाने का काम किया, जिसके कारण पूर्वोत्तर भारत आतंक और हिंसा का शिकार होता रहा।

मोदी सरकार आने के बाद विवादों को सुलझा कर सबको साथ लाने काम किया गया

2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद न सिर्फ पूर्वोत्तर भारत में तेजी से विकास हो रहा है, बल्कि पुराने विवादों को सुलझा कर सबको साथ लाने काम भी किया गया है। यही कारण है कि विभिन्न प्रतिबंधित आतंकी गुटों के लोग हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

पूर्वोत्तर के सांसदों ने कहा-असम और मिजोरम ने वार्ता से मतभदों को दूर करने की प्रतिबद्धता दोहराई

पूर्वोत्तर के सांसदों का कहना है कि असम और मिजोरम दोनों राज्यों ने बातचीत से आपसी मतभदों को दूर करने और सीमा विवाद के स्थायी समाधान खोजने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

कांग्रेस असम और मिजोरम विवाद को हवा देकर राजनीतिक रोटी सेंकने की कर रही कोशिश

पूर्वोत्तर के सांसदों का कहना है कि कांग्रेस इस विवाद को हवा देकर राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश कर रही है जो देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं है।

असम विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को कर दिया खारिज

उनके अनुसार दो साल पहले सीएए और एनआरसी के दौरान भी कांग्रेस ने यही रवैया अपनाया था, लेकिन पिछले दिनों असम में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को खारिज कर दिया। पत्र लिखने वाले सांसदों में कानून मंत्री किरण रिजिजू, असम के पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल और भाजपा महासचिव दिलीप सैकैया शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.