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महाराष्ट्र के पालघर संसदीय सीट के उपचुनाव में ‘हॉटकेक’ बने उत्तर भारतीय मतदाता

महाराष्ट्र के पालघर संसदीय क्षेत्र उपचुनाव में उत्तर भारतीय मतदाता सभी दलों के लिए हॉटकेक बने हुए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 08:01 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 08:01 PM (IST)
महाराष्ट्र के पालघर संसदीय सीट के उपचुनाव में ‘हॉटकेक’ बने उत्तर भारतीय मतदाता
महाराष्ट्र के पालघर संसदीय सीट के उपचुनाव में ‘हॉटकेक’ बने उत्तर भारतीय मतदाता

मुंबई [ ओमप्रकाश तिवारी ]। महाराष्ट्र के पालघर संसदीय क्षेत्र उपचुनाव में उत्तर भारतीय मतदाता सभी दलों के लिए हॉटकेक बने हुए हैं। उत्तर भारतीयों को लुभाने की दौड़ में औरों से आगे निकलने के लिए ही भाजपा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए बुलाया है।

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मुंबई से सटी पालघर संसदीय सीट यूं तो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां की 17 लाख आबादी में 22 फीसद उत्तर भारतीयों की है। यह क्षेत्र एक ओर मुंबई की उत्तर मुंबई संसदीय सीट से मिलता है, जिसका प्रतिनिधित्व लंबे समय तक राम नाईक कर चुके हैं। संयोग से अब वह उत्तर प्रदेश के ही राज्यपाल हैं।

जब राम नाईक संसदीय चुनाव लड़ते थे, तो नए परिसीमन से पहले आज की पालघर संसदीय सीट का एक बड़ा हिस्सा उत्तर मुंबई संसदीय सीट में ही आता था। दूसरी ओर यह संसदीय सीट दक्षिण गुजरात से मिलती है। वहां भी उत्तर भारतीय की आबादी अच्छी-खासी है। हाल के गुजरात विधानसभा चुनाव में यह वर्ग वहां निर्णायक भूमिका निभा भी चुका है। अब भाजपा उत्तर भारतीय मतदाताओं से वही उम्मीद पालघर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में भी कर रही है।

यह सीट भाजपा के ही सांसद चिंतामणि वनगा के निधन से रिक्त हुई थी, लेकिन भाजपा ने उनके पुत्र श्रीनिवास वनगा को टिकट देने के बजाय चिंतामणि की प्रतिद्वंद्वी समझे जानेवाले राजेंद्र गावित को टिकट दिया है। जबकि शिवसेना ने वनगा परिवार के प्रति उपजी सहानुभूति का लाभ लेने के लिए उनके पुत्र श्रीनिवास वनगा को अपना उम्मीदवार बनाया है। मजे की बात यह कि भाजपा और शिवसेना, दोनों ही इस चुनाव में एक-दूसरे को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं बता रहे हैं। दोनों ही यहां के एक स्थानीय दल बहुजन विकास आघाड़ी के उम्मीदवार बलिराम जाधव से अपना मुकाबला बता रहे हैं। दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का मुकाबला बहुजन समाज आघाड़ी से ही हुआ था।

लोकसभा का यह पहला चुनाव है, जब भाजपा और शिवसेना आमने-सामने हैं। इसलिए भाजपा चुनौती की गंभीरता समझ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव से ही शिवसेना हर मोर्चे पर भाजपा को पटखनी देना चाहती है। इसलिए पालघर उपचुनाव में भी उसने हिंदीभाषी मतदाताओं को लुभाने के लिए हिंदीभाषी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय समन्वयक विनय शुक्ला को लगाया है।

भाजपा की ओर से मुंबई भाजपा के महासचिव अमरजीत मिश्र के नेतृत्व में मुंबई के हिंदीभाषी कार्यकर्ताओं की पूरी टीम तो लगी ही है, उत्तर प्रदेश से भी कई बड़े नेता अपनी सभाएं करके जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी की सभा हाल ही में हुई है। विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई विधायक इन दिनों पालघर में पंचायतें करके प्रचार में लगे हैं।


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