किसी भी विश्वविद्यालय ने स्थापित नहीं की महात्मा गांधी चेयर : केंद्र
यूजीसी ने प्रख्यात शख्सियतों और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों के नाम पर विश्वविद्यालयों में चेयर स्थापित करने की योजना बनाई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मंजूरी के बावजूद देश के किसी भी विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी चेयर स्थापित नहीं की है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। विश्वविद्यालय प्रणाली में शैक्षिक संसाधनों को समृद्ध करने के उद्देश्य से यूजीसी ने नोबेल पुरस्कार विजेताओं, प्रख्यात शख्सियतों और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों के नाम पर विश्वविद्यालयों में चेयर स्थापित करने की योजना बनाई थी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'शांति व अहिंसा, स्वाधीनता आंदोलन और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र या विषय पर यूजीसी द्वारा स्वीकृत चेयर्स में से महात्मा गांधी चेयर भी एक है। लेकिन किसी भी विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी चेयर स्थापित नहीं की गई है और न ही इस संबंध में यूजीसी को किसी विश्वविद्यालय का कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।'
हालांकि, गांधीवाद के अध्ययन में छात्रों ने रुचि दिखाई है और हालिया वर्षो में उन्होंने इस विषय पर ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, एमफिल और पीएचडी कार्यक्रमों में नामांकन कराया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में गांधीवाद के अध्ययन के लिए 419 छात्रों ने ग्रेजुएशन में नामांकन कराया था। इसी तरह इस विषय पर पोस्टग्रेजुएशन में 796, एमफिल में 51 और पीएचडी में 78 छात्रों ने नामांकन कराया।
इसी सत्र में 17 छात्रों को इस विषय पर पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। वहीं, 2016-17 में 321 छात्रों ने ग्रेजुएशन में, 746 छात्रों ने पोस्टग्रेजुएशन में, 67 ने एमफिल में और 113 छात्रों ने पीएचडी में नामांकन कराया था। इसी सत्र में 38 छात्रों को इस विषय पर पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई थी।