अमृतसर रेल हादसे पर बोले केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, ड्राइवर की कोई गलती नहीं
रेलराज्यमंत्री ने ड्राइवर का बचाव किया और कहा कि रेलवे ट्रैक के आस-पास ऐसी घटनाओं का आयोजन न किया जाए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दशहरा उत्सव के दौरान पंजाब के अमृतसर में DMU ट्रेन की चपेट में आने से लगभग 60 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद से पंजाब सरकार और रेलवे दोनों ही सवालों के घेरे में हैं। हादसे के बाद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने ड्राइवर का बचाव किया है और साथ ही ये भी कहा है इस हादसे में ड्राइवर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे से कुछ दूर पहले रेलवे ट्रैक पर घुमाव है जिसकी वजह से ड्राइवर भीड़ को नहीं देख सका साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि ड्राइवर गाड़ी चलाएगा या इधर-उधर देखेगा?
इसके बाद रेलराज्यमंत्री ने ये भी कहा कि रेलवे ट्रैक के आस-पास ऐसा आयोजन न करें। वहीं दशहरा समारोह की मुख्य अतिथि नवजोत कौर पर विपक्ष द्वारा किये जाने वाले हमले पर रेल राज्यमंत्री ने कहा कि यह एक दुखद घटना है हमें इस पर राजनीति करने से बचना चाहिए।
रेलवे ने किया ड्राइवर का बचाव
वहीं रेलवे ने भी इस मामले में अपनी तरफ से किसी भी प्रकार की चूक होने से इंकार किया है। रेल बोर्ड प्रमुख और डीआरएम ने भी ट्रेन के ड्राइवर का बचाव किया है। रेलवे ने दावा किया है कि उन्हें इस आयोजन के बारे में कोई जानकारी नही दी गई थी इसलिए इस हादसे में रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है।
रेलवे ने कहा कि हादसे में हमारी तरफ से कोई चूक नहीं हुई है इसलिए ड्राइवर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि रेल हादसे में ड्राइवर के खिलाफ न कोई जांच बैठाई जाएगी और न ही उस पर किसी प्रकार का एक्शन लिया जाएगा।
ट्रैक पर घुमाव की वजह से नहीं दिखी भीड़
फिरोजपुर के डिवीजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार ने बताया कि ड्राइवर से पूछताछ की गई है जिसमें उसकी कोई गलती नहीं मिली है ड्राइवर ने बताया कि जब ट्रेन 91 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही थी लेकिन ट्रैक पर भीड़ दिखाई देने के बाद उसने ट्रेन को रोकने की पूरी कोशिश की हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड घटकर 68 किमी/घंटा की रफ्तार हो चुकी थी। दुर्घटना के वक्त ट्रैक पर खड़े लोग अंधेरे, पटाखे की आवाज और मेले के शोर की वजह ट्रेन के हॉर्न को नहीं सुन सके। ड्राइवर ने ये भी बताया कि हादसे वाली जगह पर घुमाव था जिसके चलते वो ट्रेन को स्पीड को इतना कम नहीं कर पाया कि वो हादसे से बच जाए।
इमरजेंसी ब्रेक लगती तो हो सकता था और बड़ा हादसा
वहीं इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया कि दुर्घटना अमृतसर और मनावाला के दो स्टेशनों के एक घुमाव पर हुई है न कि ट्रैक पार करने के दौरान हुआ उन्होंने कहा कि अगर ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई होती तो ये हादसा और भी बड़ा हो सकता था। उन्होंने कहा कि डीएमयू ट्रेन को रोकने के लिए कम से कम 625 मीटर पहले ब्रेक लगाना होता है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि रेलवे हादसे पर किसी तरफ से जांच के आदेश नहीं देगा।