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JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने दिया संकेत, हर मुद्दे पर भाजपा का साथ नहीं

नीतीश कुमार का कहना था कि बिहार में जदयू एक बड़ी ताकत है और उसके अनुरूप ही वह सीटों की मांग करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 07:46 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 12:01 AM (IST)
JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने दिया संकेत, हर मुद्दे पर भाजपा का साथ नहीं
JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने दिया संकेत, हर मुद्दे पर भाजपा का साथ नहीं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू के बीच कड़ी रस्साकशी तय मानी जा रही है। राष्ट्रीय कार्यकारी की बैठक में नीतीश कुमार ने पार्टी पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि जदयू बिहार में बड़ी ताकत है और कोई इसे नजरअंदाज नहीं सकता है। वैसे उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन को बरकरार रहने का संकेत देते हुए यह भी साफ कर दिया कि जदयू के साथ जाने या उसके महागठबंधन में दोबारा शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

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वैसे तो जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी कार्यकारिणी में बिहार में भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने पार्टी पदाधिकारियों के सामने 2019 की रणनीति का खुलासा किया। इसके तहत भाजपा के साथ गठबंधन तो बरकरार रहेगा, लेकिन सीटों के बंटवारे पर बातचीत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर ठोस प्रस्ताव आने के बाद ही होगा, लेकिन साथ ही उन्होंने जदयू के हितों का ख्याल रखे जाने के प्रति भी आश्वास्त किया।

नीतीश कुमार का कहना था कि बिहार में जदयू एक बड़ी ताकत है और उसके अनुरूप ही वह सीटों की मांग करेगा। 2014 के भाजपा के अलग चुनाव लड़ने और केवल दो सीटें जीतने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भी जदयू को कुल 17 फीसदी वोट मिले थे। इसके अगले ही साल 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने फिर से अपनी ताकत साबित कर दी। माना जा रहा है कि इसी हफ्ते पटना में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ नीतीश कुमार के साथ मुलाकात हो सकती है। जिसमें सीटों के तालमेल को लेकर भी बातचीत होने की उम्मीद है।

राजद और उसके साथ वाले किसी भी गठबंधन में जाने की संभावना को सिरे से खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं करेगी। केसी त्यागी के अनुसार महागठबंधन से अलग होने के पहले नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात कर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राजद के साथ चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

जदयू चाहता था कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने खिलाफ लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई दे। त्यागी ने कहा कि राजद या उसके साथ वाले किसी भी गठबंधन में जदयू के शामिल होने का कोई सवाल नहीं है।

बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन बरकरार रखने के साथ-साथ जदयू ने यह भी साफ कर दिया कि दूसरे राज्यों में वह स्वतंत्र रूप से फैसला लेगा। केसी त्यागी ने कहा कि आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में जदयू अपने संसाधन और जनाधार को देखते हुए उम्मीदवार खड़ा करेगी। इन राज्यों में भाजपा के हितों के साथ टकराव के सवालों को खारिज करते हुए त्यागी ने साफ किया कि इसे किसी पार्टी के पक्ष या खिलाफत से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

जदयू ने किया स्पष्ट, मुद्दों पर आधारित होगा भाजपा को समर्थन

गठबंधन के बावजूद जदयू हर मुद्दे पर भाजपा का साथ नहीं देगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर जदयू ने इसे साफ कर दिया। जदयू ने जहां एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन किया, वहीं असम में नागरिकता बिल के मुद्दे का खुलकर विरोध किया है। जदयू का कहना है कि भ्रष्टाचार के साथ-साथ सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भी वह कोई समझौता नहीं करेगी।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव में जदयू ने एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के विधि आयोग के सुझाव का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी। अपने चुनावी अनुभवों का हवाला देते हुए जदयू महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि इससे उम्मीदवार का व्यक्तिगत खर्च तीन-चौथाई तक कम हो जाता है। उनका कहना था कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। जदयू का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने के पहले इसके लिए जरूरी तैयारी करना चाहिए।

गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक साथ चुनाव को क्षेत्रीय दलों के लिए नुकसानदेह करार दिया है।वहीं अपने दूसरे प्रस्ताव में जदयू ने असम के नागरिकता बिल का विरोध किया है। केसी त्यागी ने कहा कि यह किसी भी समुदाय या वर्ग के हित में नहीं है।

जदयू के प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि नागरिकता को किसी भी धर्म या संप्रदाय से नहीं जोड़ा चाहिए। असम में प्रस्तावित बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के नियमों में ढील दिये जाने का प्रस्ताव है।

धर्मनिरपेक्षता को जदयू का अहम वैचारिक आधार बताते हुए केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी किसी भी तरह से सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने दावा किया कि बिहार में सांप्रदायिकता के मुद्दे पर बिना किसी दबाव में आए निष्पक्ष कार्रवाई की गई है। यहां तक कि भागलपुर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया। त्यागी ने पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपियों के जयंत सिन्हा द्वारा स्वागत किये जाने की भी निंदा की।


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