अयोध्या विवाद: अधिग्रहित जमीन पर केंद्र सरकार की अर्जी का निर्मोही अखाड़े ने किया विरोध, SC में दायर की याचिका
अयोध्या की अधिग्रहित जमीन पर केंद्र सरकार की अर्जी का निर्मोही अखाड़े ने विरोध जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
लखनऊ, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने जब अयोध्या मसले में मध्यस्था पैनल का गठन किया, तो लगा कि बात बन सकती है। हालांकि, मध्यस्था पैनल गठित करने के बाद भी कोई सकारात्मक संकेत इस मामले में नजर नहीं आ रहे हैं।अयोध्या की अधिग्रहित जमीन पर केंद्र सरकार की अर्जी का निर्मोही अखाड़े ने विरोध जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
निर्मोही अखाड़े का कहना है कि सरकार द्वारा जमीन का अधिग्रहण करने के दौरान कई मंदिरों को नुकसान पहुंचा था। ऐसे में अखाड़ा चाहता है कि अब कोर्ट ही इसपर फैसला ले। बता दें कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन पर यथास्थिति हटाने की अर्जी दी थी।
कोर्ट में अर्जी दायर करते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि 67 एकड़ जमीन को अधिग्रहण किया गया था, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्ठिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। सरकार ने कहा कि महज 2.77 एकड़ जमीन पर ही विवाद है बाकी जमीन पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। इसलिए इस पर यथास्थिति बनाए रखने की कोई जरुरत नहीं है। अब निर्मोही अखाड़ा ने केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई इस याचिका का विरोध किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विवादित स्थल के पास से 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। इसपर मामले पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर हिस्सों में बांट दी जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि इस जमीन को केंद्र सरकार के पास रखा जाए इसके बाद जिसके पक्ष में फैसला आएगा उसे जमीन दी जाएगी।
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