Sitharaman on Free Schemes: सीतारमण बोलीं- 'रेवड़ी' बांटने वाले राज्य पहले अपनी माली हालत जांचें, फिर करें कोई घोषणा
Sitharaman on Free Schemes वित्त मंत्री ने वोट पाने के लिए सबकुछ मुफ्त देने वाले नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जरूरतमंदों को आश्रित नहीं सशक्त बनाती है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को किसी भी घोषणा से पहले अपने खजाने की जांच करनी चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। वोट के लिए 'मुफ्त की रेवड़ियां' बांटने के मुद्दे पर शुरू हुई सियासत नरम पड़ती नहीं दिख रही है। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'मुफ्त की रेवड़ी' बांटने वाले नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी जरूर बांटें, लेकिन अपने राज्य की सरकार के खजाने की क्षमता की जांच करें और उसके अनुसार बजटीय प्रविधान भी सुनिश्चित करें। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कुछ राज्य सरकारों, खासकर दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा 'मुफ्त रेवड़ी' बांटने का उल्लेख किया था और देश के लिए इसे घातक बताया था।
राज्य के वित्तीय स्तर को समझें
सीतारमण ने कहा कि यह अच्छा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हुई है। बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि आप कुछ भी वादा कर सकते हैं। आप लोगों को कुछ भी मुफ्त में दे सकते हैं। वह बिजली हो सकती है या कुछ और। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आप ऐसा करें, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप अपने राज्य के वित्तीय स्तर, उसकी वित्तीय ताकत को समझते हैं। चुनाव के दौरान आपने वादा किया। आप जीत गए और सत्ता में आ गए, तो सुनिश्चित करें कि आपने जो वचन दिया है उसे पूरा करें और इसके लिए आपके बजट में प्रविधान होना चाहिए।
शिक्षा-स्वास्थ्य को मुफ्त की रेवड़ी कोई नहीं कहेगा
सीतारमण ने कहा कि अगर यह बताने की कोशिश की जा रही है कि शिक्षा और स्वास्थ्य को अब 'मुफ्त की रेवड़ी' बताया जा रहा है तो यह मुद्दे से ध्यान भटकाना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से किसी भी सरकार ने यह नहीं है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च नहीं किया जाना चाहिए। हर सरकार ने यह जिम्मेदारी निभाई है। बता दें कि दो दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर शिक्षा व स्वास्थ्य को मुफ्त की रेवड़ी की श्रेणी में रखने का आरोप लगाया था।
मुफ्त की रेवड़ी क्या है और क्या नहीं, यह जनता तय करे
सीतारमण ने आगे कहा कि मुफ्त की रेवड़ी क्या है और क्या नहीं, इस पर वह कुछ नहीं कहेंगी। वह चाहेंगी कि जनता ही यह तय करे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जरूरतमंदों को आश्रित नहीं बल्कि सशक्त बनाती है। उन्होंने सरकार की उन स्कीमों का जिक्र किया, जिनकी मदद से जरूरतमंदों को सशक्त बनाया गया है।
गरीबों के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं
वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। पीएम जनधन योजना की शुरुआत की और इसके तहत अधिक से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले गए। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम की शुरुआत की गई, ताकि सीधे जरूरतमंद को उसका लाभ मिल सके। छोटे-छोटे दुकानदार व कारोबारियों को कारोबार में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से मुद्रा लोन योजना शुरू की गई ताकि छोटी राशि का कर्ज भी बैंक से इन कारोबारियों को मिल सके। कोरोना काल में सरकार की तरफ से रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्व-निधि योजना शुरू की गई और उन्हें काम करने के लिए बैंकों से लोन दिया गया। सरकार की तरफ से स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए गए जिसके माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण हुआ।