आयुष्मान भारत से कुछ राज्यों का अलग होना दुर्भाग्यपूर्ण: निर्मला सीतारमण
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना Ayushman Bharat का महज राजनीतिक फायदे के लिए बहिष्कार किए जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
'नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का महज राजनीतिक फायदे के लिए बहिष्कार किए जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। दरअसल, पांच लाख रुपये का मुफ्त बीमा कराने वाली इस योजना को गैर भाजपा शासित छह राज्यों दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा और केरल ने ठुकरा दिया है।
सीतारमण ने विगत 23 जनवरी की अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 'आयुष्मान भारत' ने अपने लांच होने के सिर्फ तीन महीने के अंदर ही बड़ी सफलता हासिल की है। इस स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को कवर किया जा रहा है। लेकिन यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि दलगत राजनीति के लिए कुछ राज्यों ने इस योजना को स्वीकार करने से ही इन्कार कर दिया है। इससे दिल्ली समेत छह राज्यों के लोग इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार आयुष्मान योजना, जिसे प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना भी कहते हैं, पूरी तरह से देश में लागू हो जाए तो यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन जाएगी, जो पूरी तरह से सरकारी खर्च से चलती है।
सीतारमण ने बताया कि विगत 10 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य से इस योजना को हटाने की घोषणा की थी। साथ ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर स्वास्थ्य योजना के जरिए गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया था।
तब तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि आप (मोदी) अपने फोटो वाले पत्र भेजकर लोगों से इस योजना को चलाने के बड़े दावे कर रहे हैं। ऐसे में जब सारा श्रेय राजग सरकार ले रही है तो योजना में 40 फीसद धन राज्य सरकार क्यों लगाए। इसी तरह अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने भी दिल्ली में इस योजना से मुंह मोड़ लिया है।
जबकि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत देश के 10.74 करोड़ गरीबों को कवर करने की योजना है। इस योजना से प्रति वर्ष एक परिवार को पांच लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। इस योजना का साठ फीसद खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है और बाकी 40 फीसद खर्च राज्य सरकारों को उठाना है।
केंद्रीय मंत्री ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि अब तक आठ लाख लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही 662 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। इस योजना के लांच होने के सौवें दिन डब्लूएचओ जैसे कई संगठनों और उद्योगपति बिल गेट्स ने इसकी काफी प्रशंसा की थी।
सीतारमण ने बताया कि इस योजना के लांच होने से पहले देश की करीब 63.58 फीसद आबादी को अपनी बीमारियों का खर्च खुद ही उठाना पड़ता था। अस्पताल के खर्चो पर किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं थी। उन्होंने बताया कि देश में हर साल करीब 4.6 फीसद आबादी बीमारी का खर्च उठाने में अपनी आय और बचत का बड़ा हिस्सा गंवाकर गरीबी की रेखा के नीचे चली जाती है। उन्हें इलाज के लिए रकम उधार लेनी पड़ती है या अपनी संपत्ति को बेचना पड़ता है।