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सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने का जिक्र करने में कुछ भी गलत नहीं : निर्मला सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 08:46 PM (IST)
सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने का जिक्र करने में कुछ भी गलत नहीं : निर्मला सीतारमण
सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने का जिक्र करने में कुछ भी गलत नहीं : निर्मला सीतारमण

बेंगलुरु, प्रेट्र। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही राजग के दूसरे नेता सैन्य बलों का राजनीतीकरण करना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की चर्चा करना कुछ गलत नहीं है।

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बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और युवा चिंतकों के साथ यहां अनौपचारिक बातचीत में सीतारमण ने कहा कि विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सैन्य बलों का राजनी‍तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा, 'कोई भी सेना का राजनी‍तिकरण नहीं करना चाहता। खासकर न तो मैं या प्रधानमंत्री या सरकार का कोई भी सदस्य। हम सैन्य बलों का राजनी‍तिकरण नहीं करना चाहते हैं।'

रक्षा मंत्री ने यह भी पूछा कि क्‍या, 2008 में मुंबई हमले के समय तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार कितनी 'कमजोर' थी और 2019 में पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार कितनी 'मजबूत' है, इसकी तुलना करना गलत है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद कार्रवाई की गई क्योंकि हम लोगों के गुस्से को महसूस कर रहे थे। इस हमले के बाद लोग यह कह रहे थे कि क्या यही भारत है? क्या हमने ऐसी सरकार के लिए वोट दिया था? क्या आप कार्रवाई करने में असमर्थ हैं?

रक्षा मंत्री ने कहा, 'उसके बाद सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए सेना को अपनी इच्छा के मुताबिक सही कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई। क्या ऐसा करना गलत है। यह सेना का राजनी‍तिकरण करना नहीं है।'

बता दें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के दूसरे नेताओं द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना के एयरस्ट्राइक और सेना के शौर्य की चर्चा करने का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की शिकायत भी की है। दोनों पर वोट के लिए सेना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

सीतारमण ने राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नियंत्रण व महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के बावजूद कांग्रेस नेता राफेल को लेकर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ही पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली भी इस बारे में संसद में बिंदुवार जवाब दे चुके हैं इसके बावजूद कांग्रेस एक ही बात बार-बार दोहरा रही है तो यह पूरी तरह से गलत है।

एक दर्शक द्वारा राफेल सौदे के सच के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस यह यकीन ही नहीं कर सकती है कि रक्षा सौदा बिना बिचौलिए के भी हो सकता है। कांग्रेस ने वर्षों तक मंत्रालय का अपने फायदे के लिए दोहन किया है। उन्होंने कांग्रेस को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर जवाब देने की चुनौती भी दी, जिसमें एक कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए कई लोगों को दलाली देने के आरोपों की जांच चल रही है।

रक्षा मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के इस आरोप पर भी निशाना साधा, जिसमें वह बार-बार प्रधानमंत्री मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाते हैं। सीतारमण ने कहा कि अगर यह सच होता तो अनिल अंबानी को दिवालिया होने से बचाने के लिए उनके भाई को मदद के लिए क्यों आगे आना पड़ता।


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