Move to Jagran APP

गैर-कानूनी आव्रजक समझौते में आ सकता है नीरव, माल्या का प्रत्यर्पण

गैर-कानूनी आव्रजक पर आपसी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर का मुद्दा ब्रिटेन के आतंकवाद विरोधी राज्यमंत्री बैरोनेस विलियम्स ने उठाया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 06:30 PM (IST)
गैर-कानूनी आव्रजक समझौते में आ सकता है नीरव, माल्या का प्रत्यर्पण
गैर-कानूनी आव्रजक समझौते में आ सकता है नीरव, माल्या का प्रत्यर्पण

नई दिल्ली, प्रेट्र। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यपर्ण को ब्रिटेन बहुप्रतीक्षित गैर-कानूनी आव्रजक समझौते से जोड़ सकता है। इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद ब्रिटेन गैर-कानूनी रूप से वहां रह रहे 75000 भारतीयों को प्रत्यर्पित कर सकेगा। इस आशय की जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी।

loksabha election banner

-गैर-कानूनी रूप से रहे रहे 75000 भारतीयों को प्रत्यर्पित कर सकेगा ब्रिटेन

गैर-कानूनी आव्रजक पर आपसी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर का मुद्दा ब्रिटेन के आतंकवाद विरोधी राज्यमंत्री बैरोनेस विलियम्स ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू के साथ हुई बातचीत के दौरान उठाया था। एक घंटे तक चली बातचीत में विलियम्स ने एमओयू पर औपचारिक हस्ताक्षर की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा चिह्नित किए जाने के एक महीने के भीतर गैरकानूनी रूप से रहे रहे भारतीयों की वापसी के लिए यह जरूरी है। भारतीय पक्ष ने नीरव मोदी और विजय माल्या एवं अन्य के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया।

अधिकारी ने कहा, 'हमें चिंता है कि वे लोग नीरव मोदी, विजय माल्या एवं अन्य के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को एमओयू पर हस्ताक्षर से जोड़ सकते हैं।' रिजिजू और विलियम्स की बैठक में ब्रिटेन ने नीरव मोदी की ब्रिटेन में मौजूदगी की पुष्टि की।

रिजिजू ने 10 जनवरी को लंदन में गैर-कानूनी आव्रजक के मुद्दे से संबंधित समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किया था। लेकिन एमओयू पर औपचारिक हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रैल में ब्रिटेन यात्रा के दौरान होने की उम्मीद की जा रही थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार के भीतर एक हिस्से द्वारा चिंता जताने के बाद नई दिल्ली ने समझौते पर हस्ताक्षर को टाल दिया।

गैर-कानूनी आव्रजकों की वापसी पर विचार करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों के मुताबिक ब्रिटेन में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भारत के हैं। 2017 में करीब 5000 भारतीय स्वेच्छा से भारत लौट आए और करीब 700 को प्रत्यर्पित किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.