राजीव गांधी ट्रस्ट समेत 42 एनजीओ जांच के दायरे में, विदेशी चंदे से जुड़ा मामला
राजीव गांधी चैरिटबल ट्रस्ट समेत 42 गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जांच के दायरे में हैं।
नई दिल्ली, (एजेंसी)। ओलंपियन और राज्यसभा सांसद मेरी कॉम, राजीव गांधी चैरिटबल ट्रस्ट और देश की आईटी इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था नासकॉम समेत 42 गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जांच के दायरे में हैं। गृह मंत्रालय यह देख रहा है कि इन संस्थाओं ने कहीं विदेशी चंदे के कानून का उल्लंघन तो नहीं किया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि 21 एनजीओ को मानकीकृत प्रश्नावलियां दी गई हैं। इन गैरसरकारी संगठनों में मेरी कॉम का रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन, दिल्ली स्थित राजीव गांधी चैरिटबल ट्रस्ट, केरल स्थित एशियानेट न्यू चैरिटबल ट्रस्ट, एमनेस्टी इंटरनेशनल (इंडिया) फाउंडेशन शामिल हैं।
रिजिजू ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि दिल्ली स्थित शक्ति सस्टेनेबिल एनर्जी फाउंडेशन, दिल्ली स्थित नासकॉम और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया समेत 21 एनजीओ के ऑडिट और निरीक्षण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि गैर सरकारी संगठनों को विदेश से धन मिला है और उसकी जांच 'फॉरेन कांट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट' (एफसीआरए) के तहत की जा रही है।
मेरी कॉम के रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन को बतौर चैरिटबल ट्रस्ट वर्ष 2006 में स्थापित किया गया था। 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली, पद्म भूषषण से सम्मानित और राज्यसभा सांसद एमसी मेरी कॉम और उनके पति के.ओनलेर ने इस गैर सरकारी संगठन को मणिपुर और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के गरीब युवाओं को बॉक्सिंग सिखाने के लिए शुरू किया था। इसी तरह राजीव गांधी चैरिटबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को वर्ष 2002 में स्थापित किया गया था। ताकि देश के गरीबों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। खासकर ग्रामीण अमले में गरीबों पर अधिक ध्यान दिया जाना था। इस संस्था ने उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम चला रखे हैं। इसी तरह नासकॉम बिना लाभ वाला औद्योगिक संगठन है। यह 154 अरब डॉलर की भारतीय आईटी बीपीएम इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था है।
इसी तरह पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से बनी संस्था राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से देश और विदेश की मदद लेती है। यह संस्था सिविल सोसाइटी समूहों से भी जुड़ी हुई है। जिन एनजीओ को प्रश्नावली दी गई है, उनमें बेंगलुर स्थित सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी भी शामिल है। इस पर हाल ही में आधार का डाटा चुराने का आरोप लगा था।