Move to Jagran APP

News Education Policy 2020: चार दिन बाद कांग्रेस ने नई शिक्षा नीति को बताया भ्रमजाल

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला एम पल्लम राजू और प्रोफेसर राजीव गौड़ा ने रविवार को संयुक्त रूप से नई शिक्षा नीति-2020 पर सवाल खड़े किए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 08:51 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 08:51 PM (IST)
News Education Policy 2020: चार दिन बाद कांग्रेस ने नई शिक्षा नीति को बताया भ्रमजाल
News Education Policy 2020: चार दिन बाद कांग्रेस ने नई शिक्षा नीति को बताया भ्रमजाल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नई शिक्षा नीति आने के चार दिन बाद कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े करते हुए इसे भ्रमजाल, आडंबर, चमक-दमक और दिखावा बताया है। साथ ही कहा है कि यह नीति मानवीय विकास, ज्ञान प्राप्ति, क्रिटिकल थिंकिंग एवं जिज्ञासा की भावना के हर पहलू पर फेल है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने सरकार पर नीति को बगैर किसी चर्चा, परामर्श और विचार-विमर्श के भी लाने का आरोप लगाया है। यह और बात है कि कांग्रेस की एक राष्ट्रीय प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने इसका स्वागत किया था। वहीं सरकार की ओर से दावा किया गया है कि नीति लाने से पहले राज्यो, सांसदों, पंचायतों के स्तर पर भी चर्चा हो चुकी है। 

loksabha election banner

कोरोना महामारी के संकट के बीच इसकी घोषणा क्यों की गई

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, एम पल्लम राजू और प्रोफेसर राजीव गौड़ा ने रविवार को संयुक्त रूप से नई शिक्षा नीति-2020 पर सवाल खड़े किए। साथ ही कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि कोरोना महामारी के संकट के बीच इसकी घोषणा क्यों की गई है? वह भी तब जब देश के सभी शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए है। कांग्रेस ने इस दौरान सरकार पर शिक्षा के बजट में कटौती का भी आरोप लगाया और कहा कि शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसद खर्च करने की बात कही थी, लेकिन इस सरकार ने शिक्षा पर खर्च को 2014-15 के मुकाबले इसमें कमी की है। 2014-15 में शिक्षा पर खर्च 4.14 फीसद था, जो 2020-21 में घटकर 3.2 फीसद किया गया है। 

कांग्रेस की प्रवक्ता खुशबू पहले कर चुकी है स्वागत

यही नहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए इस राशि में भी 40 फीसद की कटौती होगी, जिसके बाद शिक्षा पर होने वाला खर्च कुल बजट का सिर्फ दो फीसद के बराबर ही रह जाएगा। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा नीति को व्यापक चर्चा के बाद ही लाया गया है। नीति के ड्रॉफ्ट को लेकर ही चार लाख से ज्यादा लोगों के सुझाव आए थे। इसके अलावा ग्राम पंचायतों, राज्यों और सांसदों के साथ नीति को लेकर अलग-अलग चर्चा हुई है। गौरतलब है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने नई शिक्षा नीति के आने के बाद इसकी तारीफ की थी। हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी लाइन से अलग हटकर बोलने के लिए राहुल गांधी से ट्वीट के जरिए माफी भी मांग ली थी लेकिन शिक्षा नीति के साथ खड़े हुई थीं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.