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गहलोत सरकार का नया साल बीतेगा चुनाव आचार संहिता में, निकाय चुनाव का कैलेंडर गड़बड़ाया

राजस्थान में इस वर्ष पंचायत समितियों जिला परिषदों तीन बड़े नगर निगमों और स्थानीय निकाय के दूसरे चरण के चुनाव होने हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 08:29 PM (IST)
गहलोत सरकार का नया साल बीतेगा चुनाव आचार संहिता में, निकाय चुनाव का कैलेंडर गड़बड़ाया
गहलोत सरकार का नया साल बीतेगा चुनाव आचार संहिता में, निकाय चुनाव का कैलेंडर गड़बड़ाया

मनीष गोधा, जयपुर।  राजस्थान में इस मर्तबा पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव का कैलेंडर गड़बड़ा गया है। इसके चलते मौजूदा सरकार के कार्यकाल का दूसरा वर्ष यानी 2020 भी लगभग पूरे समय चुनाव आचार संहिता के बीच बीतेगा, क्योंकि इस वर्ष पंचायत समितियों, जिला परिषदों, तीन बड़े नगर निगमों और स्थानीय निकाय के दूसरे चरण के चुनाव होने हैं।

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सवा वर्ष में निपट जाते थे चुनाव

राजस्थान में पिछले करीब 15 सालों से विधानसभा, लोकसभा, पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव का कैलेंडर कुछ ऐसा था कि एक से सवा वर्ष की अवधि में यह चुनाव निपट जाते थे। इस व्यवस्था में पहला वर्ष भले ही आचार संहिता में निकले, लेकिन दूसरे वर्ष में मुश्किल से डेढ़-दो महीने आचार संहिता में बीतते थे। वहीं तीसरे वर्ष से आचार संहिता की बाधा पूरी तरह खत्म हो जाती थी।

इस बार यूं गड़बड़ाया कैलेंडर

मौजूदा सरकार की शुरूआत तो गत वर्ष दिसंबर में विधानसभा चुनाव से हुई और इसके बाद अप्रैल में लोकसभा के चुनाव भी हो गए। इसके बाद सितंबर में दो सीटों के उपचुनाव हुए और नवंबर में स्थानीय निकाय चुनाव भी हो गए, लेकिन बस यही से मामला गड़बड़ा गया। स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण में राजस्थान के सात नगर निगमों में से छह निगमों सहित 46 स्थानीय निकायों के चुनाव होने थे, लेकिन सरकार ने अंतिम समय पर जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे तीन बड़े शहरों में नगर निगमों को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय किया और इनके चुनाव नहीं हो पाए। अब इनका फिर से परिसीमन चल रहा है और सरकार को 2020 में अप्रैल से पहले इन निगमों के चुनाव कराने होंगे। ये तीनों बड़े व अहम शहर हैं। तीनों शहरों में आचार संहिता लागू करनी पड़ेगी।

पंचायत चुनाव में फंसा पेंच

निकाय चुनाव के बाद दूसरी गड़बड़ी पंचायत चुनाव में हो गई। इस बार सरकार ने इनका भी पुनर्गठन कराया और इस काम में देरी हो गई। जैसे-तैसे पुनर्गठन हुआ तो इसे लेकर 80 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में लग गई। पंचायती राज संस्थाओं के तीन स्तरों में से सिर्फ ग्राम पंचायतों के चुनाव की ही घोषणा हो पाई है। यह चुनाव भी सब जगह नहीं हो पा रहे हैं और 11 हजार से ज्यादा पंचायतों में से 9171 का ही चुनाव हो पा रहा है। बाकी बची लगभग 2000 पंचायतों के चुनाव बाद में होंगे। वहीं पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव कब होंगे यह पता नहीं है।

नए साल में यह स्थिति बनेगी

-जनवरी 2020 में ग्राम पंचायतों के चुनाव होंगे। चुनाव कार्यक्रम घोषित।

-अप्रैल से पहले जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगम चुनाव का समय।

-जुलाई तक जिला परिषदों ओर पंचायत समितियों के चुनाव होंगे।

-अक्टूबर तक शेष बचे स्थानीय निकायों के चुनाव आ जाएंगे।


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