मप्र के कर्मचारियों और पेंशनरों को नए साल की सौगात, स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी
अभी तक पेंशनरों को सालाना 288 रुपए इलाज के लिए दिए जाते थे। अब वे 10 हजार रुपए तक का इलाज करा सकेंगे। योजना एक अप्रैल 2020 से लागू की जा रही है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश सरकार ने नए साल में राज्य के 12.55 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को स्वास्थ्य बीमा योजना की सौगात दी है। शनिवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में आयोजित साल की पहली कैबिनेट बैठक में 'मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना' को मंजूरी दी गई।
मंत्रियों को खर्च करने का अधिकार बढ़कर हुआ एक करोड़
कैबिनेट ने मंत्रियों के स्वेच्छानुदान को भी दोगुना कर दिया है। मंत्रियों को अब एक करोड़ खर्च करने के अधिकार रहेंगे, पहले यह सीमा 50 लाख रुपए थी। शनिवार को हुई कमलनाथ कैबिनेट की बैठक के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि अब तय प्रीमियम (किस्त) देकर कर्मचारी और पेंशनर स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ ले सकेंगे।
10 लाख तक का इलाज निजी अस्पतालों में कराने की सुविधा
वे सामान्य बीमारी की स्थिति में पांच लाख और गंभीर बीमारी पर 10 लाख रुपए तक का इलाज निजी अस्पतालों में करा सकेंगे। 10 लाख से अधिक राशि की जरूरत होने पर स्टेट मेडिकल बोर्ड की सिफारिश जरूरी होगी।
पेंशनरों को सालाना इलाज के लिए 288 रुपए से बढ़कर 10 हजार रुपए हुआ
मंत्री ने बताया कि अभी तक पेंशनरों को सालाना 288 रुपए इलाज के लिए दिए जाते थे। अब वे 10 हजार रुपए तक का इलाज करा सकेंगे। योजना एक अप्रैल 2020 से लागू की जा रही है।
योजना का लाभ नियमित, संविदा, पूर्ण कालिक कर्मचारियों को मिलेगा
मंत्री ने बताया कि योजना का लाभ नियमित, संविदा, पूर्ण कालिक, कार्यभारित सहित निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद भी कुछ कैडर के कर्मचारी बच रहे होंगे, तो उन्हें भी योजना में शामिल कर लिया जाएगा।