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'जेल से लिखने की नई रणनीति शुरू', संजय राउत ने अनिल परब के खिलाफ सचिन वाझे के पत्र पर कहा

सचिन वाझे द्वारा ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर लगाए गए आरोपों को लेकर संजय राउत ने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं कर सकते। यह एक राजनीतिक साजिश है। संजय राउत गुरुवार को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के समर्थन में सामने आए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 12:37 PM (IST)
'जेल से लिखने की नई रणनीति शुरू', संजय राउत ने अनिल परब के खिलाफ सचिन वाझे के पत्र पर कहा
'जेल से लिखने की नई रणनीति शुरू', संजय राउत ने अनिल परब के खिलाफ सचिन वाझे के पत्र पर कहा

मुंबई, एएनआइ। शिवसेना नेता संजय राउत गुरुवार को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के समर्थन में सामने आए। सचिन वाझे द्वारा ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर लगाए गए आरोपों को लेकर संजय राउत ने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं कर सकते। यह एक राजनीतिक साजिश है। बता दें कि अनिल परब पर निलंबित सचिन वाझे ने गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने एनआईए को लिखे लेटर में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के अलावा राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर भी उन्हें उगाही करने के लिए कहे जाने की बात कही थी।

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समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'जेल से चिट्ठी लिखने का एक नई रणनीति शुरू हो गई है। शिवसेना के मंत्री के खिलाफ साजिश है। मैं अनिल परब को जानता हूं, वह ऐसे काम में शामिल नहीं हो सकते। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई भी शिव सैनिक बाला साहेब के नाम पर झूठी कसम नहीं खा सकता।'

शिवसेना नेता सचिन वाझे के चार पन्नों के पत्र का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मौजूदा परिवहन मंत्री अनिल परब ने उन्हें व्यवसायियों और प्रतिष्ठानों से पैसा इकट्ठा करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसी तरह के आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने अनिल देशमुख पर लगाए थे, जिन पर आरोप था कि वे सचिन वाझे को मुंबई में बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ निकालने का आदेश देते थे। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है।

25 मार्च को, मुकेश अंबानी बम कांड के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच की जा रही है, सचिन वाझे ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें जबरन वसूली के मामले में कुछ कहने की अनुमति दी जाए। अदालत ने उसे लिखित रूप में अपना सबमिशन करने के लिए कहा था। हालांकि, जब वह बुधवार को पत्र लाया गया, तो अदालत ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

वहीं, अनिल परब ने आरोपों को खारिज किया है और इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र विकास अगाड़ी (एमवीए) सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बदनाम करने के लिए, मुख्यमंत्री के करीबी किसी व्यक्ति को दोषी ठहराना जरूरी था और यह भाजपा द्वारा अपनाए जा रहे एजेंडे का एक हिस्सा है। कोई भी एजेंसी हो, वह एनआईए, रॉ या कोई भी हो और वह कानूनी रूप से इस केस को लड़ेगी।' परब ने आगे कहा था कि अगर उन्हें दोषी पाया गया, तो उनके प्रमुख उद्धव ठाकरे उन्हें फांसी पर लटका दें।


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