नए मानचित्र मामले पर नेपाल ने की भारत के साथ विदेश सचिव स्तरीय वार्ता की पेशकश
नेपाल ने जब 20 मई को अपना नया मानचित्र जारी किया तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में और तल्खी आई।
नई दिल्ली, एएनआइ। नेपाल ने कथित तौर पर भारत के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विदेश सचिव स्तरीय वार्ता की पेशकश की है। हालांकि, इस बात की संभावना कम ही है कि भारत ऐसे समय इसके लिए तैयार होगा, जबकि हिमालयी राष्ट्र अगले सप्ताह दूसरे संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने की तैयारी कर रहा है। इसके जरिये नए मानचित्र को स्वीकार किया जाएगा, जिससे भारतीय क्षेत्र पर नेपाल के दावे को कानूनी आधार मिल जाएगा।
भारत ने हमेशा बातचीत को तरजीह दी है
नई दिल्ली में नेपाल पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि भारत ने हमेशा बातचीत को तरजीह दी है, लेकिन यह तार्किकता पर निर्भर करती है। यदि नेपाल एकतरफा निश्चय करता है, तो इससे बातचीत के जरिये समाधान तलाशने की कोशिश प्रभावित होगी।
नेपाल में संविधान संशोधन नौ जून को दो तिहाई बहुमत से होगा पारित
नया संविधान संशोधन लाने के लिए नेपाल ने तेजी से काम किया है। समझा जाता है कि केपी शर्मा ओली की सरकार ने विपक्षी नेपाली कांग्रेस का समर्थन सुनिश्चित कर लिया है। प्रस्तावित संशोधन को नौ जून को दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया जाएगा। यदि मधेसी पार्टियों ने संविधान संशोधन का विरोध भी किया, तो सरकार के पास इसके समर्थन में पर्याप्त संख्या बल है।
लिपुलेख के रास्ते कैलास मानसरोवर को जोड़ने वाली सड़क का नेपाल ने जताया विरोध
भारत सरकार द्वारा आठ मई को लिपुलेख के रास्ते कैलास मानसरोवर को जोड़ने वाली सड़क का उद्घाटन किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। इसके बाद नेपाल ने भारत के इस कदम के प्रति अपना विरोध जताया।
भारत और नेपाल के बीच राजनयिक संबंधों में आई तल्खी
नेपाल ने जब 20 मई को अपना नया मानचित्र जारी किया, तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में और तल्खी आई।