कोरोना संकट के चलते नीट और जेईई मेंस की परीक्षाएं मई के अंतिम सप्ताह तक के लिए स्थगित
एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि परीक्षाओं के चलते छात्रों और अभिभावकों की असुविधा को देखते हुए परीक्षाओं को टालने का फैसला लिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने नीट और जेईई मेंस की परीक्षाओं को अब मई के अंतिम सप्ताह तक के लिए टाल दिया है। साथ इन परीक्षाओं के लिए नई तारीखों की ऐलान बाद करने में फैसला लिया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया है।
परीक्षाओं की तारीख पर नए सिरे विचार करने के निर्देश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मौजूदा हालात को देखते हुए नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कराने वाली एजेंसियों से परीक्षाओं की तारीख पर नए सिरे विचार करने के निर्देश दिए है। इसके बाद एनटीए ने यह फैसला लिया है।
नीट की परीक्षा 3 मई को होनी थी, जेईई की परीक्षा पांच अप्रैल से शुरू होनी थी
21 दिनों के लॉकआउट के बाद 15 अप्रैल को नए सिरे से फिर से समीक्षा करने को कहा है। इसके साथ ही प्रवेश पत्र को जारी करने की तारीख को भी बढ़ा दिया गया है। फिलहाल इसे 27 मार्च से ही जारी किया जाना था। जबकि जेईई मेंस का प्रवेश पत्र भी 31 मार्च से जारी होना है। अभी तक नीट की परीक्षा जहां 3 मई को होनी थी, वहीं जेईई की परीक्षा पांच अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक होनी थी।
असुविधा को देखते हुए निशंक ने लिया परीक्षा टालने का फैसला
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा कि परीक्षाओं के चलते छात्रों और अभिभावकों की यात्राओं और असुविधा को देखते हुए उन्होंने इन दोनों ही परीक्षाओं को टालने के लिए कहा था। जिस पर फैसला लिया गया है।
केंद्रीय विद्यालय, वृद्धाश्रम और छात्रावास बनेंगे कोरेनटीन सेंटर
कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने मुस्तैदी और बढ़ा दी है। सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर मौजूद केंद्रीय विद्यालयों, वृद्धाश्रमों और छात्रावासों को कोरेनटीन सेंटर के रूप में तैयार करने को कहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना से संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए लोगों को वहां अलग-अलग रखा जा सके। इससे पहले देश के लगभग हर एक जिले में मौजूदा नवोदय विद्यालयों के छात्रावासों को इसके लिए इस्तेमाल में लेने के निर्देश दिए थे।
कोरेनटीन के बढ़ते मामलों को लेकर मंत्रालय ने उठाया कदम
सरकार ने यह कदम देश भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या और उनसे काफी लोगों के संक्रमित होने की आशंका के आधार पर कोरेनटीन के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। साथ ही दुनिया के दूसरे देशों में जिस तरह से इसके संक्रमण के विस्फोटक तरीके से बढ़ने के मामले सामने आये है। उसे देखते हुए और सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय विद्यालयों का भी इसके लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।