Move to Jagran APP

भाजपा के झंडे में लपेटे गए मदन लाल खुराना, प्रदेश कार्यालय पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे दिग्गज

भाजपा मुख्यालय पर मदन लाल को श्रद्धांजलि देने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई केन्द्रीय मंत्री व अन्य दिग्गज पहुंचे। इससे पहले घर से पार्टी मुख्यालय तक उनकी शवयात्रा निकाली गई।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 03:31 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 03:51 PM (IST)
भाजपा के झंडे में लपेटे गए मदन लाल खुराना, प्रदेश कार्यालय पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे दिग्गज
भाजपा के झंडे में लपेटे गए मदन लाल खुराना, प्रदेश कार्यालय पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे दिग्गज

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के शव को अंतिम दर्शन के लिए भाजपा के प्रदेश कार्यालय 14 पंत मार्ग में रखा गया है। यहां पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई केन्द्रीय मंत्री व अन्य दिग्गजों का जमावड़ा लगा हुआ है। इससे पहले उनके कीर्ति नगर दिल्ली स्थित घर से पार्टी कार्यालय तक तमाम भाजपा नेताओं की मौजूदगी में शवयात्रा निकाली गई।

loksabha election banner

प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के योगदान और उनके राजनीतिक सफर को याद किया। यहां उनके शव को सम्मान स्वरूप भाजपा के झंडे में लपेटकर रखा गया है। श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत कई नेता मौजूद रहे।

बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर होगा। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए प्रदेश कार्यालय के बाहर और शमशान घाट पर अभी से लोगों का जमावड़ा लग गया है।

भीड़ को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस के जवाब जगह-जगह पर तैनात हैं। साथ ही शमशान घाट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय से निगमबोध शमशान घाट तक आने वाले रास्ते पर भी पुलिस तैनात की गई है। जरूरत पड़ने पर शवयात्रा के लिए पुलिस कुछ देर के लिए ट्रैफिक को रोक भी सकती है। हालांकि पुलिस की तरफ से डायवर्जन की कोई घोषणा नहीं की गई है।

शनिवार रात हुआ था निधन
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल मदनलाल खुराना का शनिवार देर रात निधन हुआ था। 15 अक्टूबर, 1936 को पाकिस्तान के लायलपुर में जन्में मदनलाल खुराना 82 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली के कीर्ति नगर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली थी।

काफी समय से राजनीतिक गतिविधियों से दूरे थे
बीमारी की वजह से मदन लाल लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। दिल्ली भाजपा में उनकी गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी। वह 1993 से लेकर 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे थे। वर्ष 2004 में वह राजस्थान के राज्यपाल बने थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के जाने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

छात्र राजनीति से की थी शुरूआत
उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज के अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की थी। इलाहाबाद में ही उनकी छात्र राजनीति की शुरुआत हुई और इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री भी चुने गए। 1960 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सचिव बने। सक्रिय राजनीति में आने से पहले उन्होंने पीजीडीएवी कॉलेज में अध्यापन किया। वहीं पर प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा, केदारनाथ साहनी जैसे नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली में जनसंघ को स्थापित किया। वह 1965 से 67 तक जन संघ के महमंत्री रहे।

दिल्ली में भाजपा को किया था मजबूत
1984 में जब भारतीय जनता पार्टी की बुरी तरह से हार हुई तब राजधानी दिल्ली में फिर से पार्टी को खड़ा करने में खुराना का बड़ा योगदान था। इसी कारण उन्हें दिल्ली का शेर भी कहा जाता था। केंद्र में जब पहली बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी तो मदन लाल खुराना केंद्रीय मंत्री बने। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी निभाई।

2005 में भाजपा से निकाले भी गए थे
वर्ष 2005 में लालकृष्ण आडवाणी की आलोचना के कारण उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया, लेकिन 12 सितंबर 2005 में ही उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया। मदनलाल खुराना 1977 से 1980 तक दिल्ली के कार्यकारी पार्षद रहे। उसके बाद दो बार महानगर पार्षद बने। दिल्ली को जब राज्य का दर्जा मिला तो वह 1993 में पहले मुख्यमंत्री चुने गए। इस पद पर वह 1996 तक रहे। 2013 में उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ जिस वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हो गए। पिछले लगभग दो वर्षों से वह गंभीर रूप से बीमार थे।

12 साल की उम्र में पाकिस्तान से भारत आए थे
मदन लाल खुराना का जन्म 15 अक्तूबर 1936 में पंजाब प्रांत के लयालपुर में हुआ था। अब यह क्षेत्र पाकिस्तान में फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है। मदन लाल खुराना की उम्र महज 12 साल की थी जब उनका परिवार बंटवारे के बाद दिल्ली आ गया। उस समय वह परिवार के साथ दिल्ली के कीर्ति नगर की रिफ्यूजी कॉलोनी में रहते थे। प्राथमिक शिक्षा के बाद मदन लाल खुराना ने दिल्ली विश्वविद्याल के नामी कॉलेज किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.