कुमारस्वामी का शपथग्रहणः केजरीवाल की आवभगत में कर्नाटक ने खर्च किए 2 लाख
शपथ ग्रहण समारोह में पानी की तरह बहा जनता का पैसा। चंद्रबाबू नायडू पर सबसे ज्यादा 8,72,485 रुपये हुए खर्च, केजरीवाल पर भी करीब दो लाख रुपये खर्च हुए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मध्यम श्रेणी का आम आदमी जिस सालान पैकेज पर नौकरी करता है, हमारे नेता एक दिन में लगभग उतना या उससे ज्यादा खर्च कर देते हैं। यही वजह है कि कर्नाटक में हुए जनता दल (सेक्युलर) नेता कुमारस्वामी के सात मिनट के शपथ ग्रहण समारोह पर 42 लाख रुपये केवल अतिथियों की आवभगत में खर्च हो गए।
सबसे ज्यादा 8,72,485 रुपये आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर खर्च किया गया। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी लगभग दो लाख रुपये खर्च कर दिए गए। चंद मिनट के इस कार्यक्रम में जनता का पैसा पानी की तरह बहाने का खुलासा एक आरटीआइ के जरिए हुआ है।
कुछ घंटों में 76000 रुपये केजरीवाल के खाने-पीने पर हुए खर्च
समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ताज वेस्ट एंड होटल में ठहरे थे। उन्होंने 23 मई की सुबह 9:49 बजे होटल में चेक इन किया। अगले दिन 24 मई की सुबह 5:34 बजे वह होटल से चेक आउट कर गए थे। जिन दिन वह होटल में पहुंचे, उस रात को उनके इन-रूम डाइनिंग और खाने-पीने का बिल 71,025 रुपये और बेवरेज का बिल 5000 रुपये है। जिस राज्य में कुछ समय पहले तीन बच्चियों की भूख से मौत हुई है, वहां के मुख्यमंत्री के खाने-पीने पर एक दिन में 76000 रुपये खर्च हो गए।
फिल्म अभिनेता से राजीनीतिज्ञ बने कमल हसन पर एक दिन में 1,02,040 रुपये खर्च हुए। सबसे ज्यादा 8,72,485 रुपये, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर खर्च किए गए।
इससे पहले नहीं उठाया गया था मेहमानों के रुकने का खर्च
आरटीआइ के मुताबिक इससे पहले 13 मई 2013 को सिद्धारमैया और 17 मई, 2018 को बीएस येदियुरप्पा के शपथग्रहण के दौरान सरकार ने मेहमानों के रुकने का खर्च नहीं उठाया था। कुमारस्वामी के शपथग्रहण में 42 बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इन सबके ठहरने और खाने-पीने पर सरकारी धन का इस्तेमाल किया गया है।
जेडी (एस) की हो रही आलोचना
शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले मेहमानों पर पानी की तरह पैसा खर्च किए जाने को लेकर राज्य की पूर्व लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी बर्बादी की इजाजत नहीं देनी चाहिए थी। एक तरफ सरकार कहती है कि उसके पास विकास कार्यों और जनता की मदद के लिए पैसे नहीं हैं, दूसरी तरफ इस तरह से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। यह राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है कि वह खर्च उठाए।
हंगामा खड़ा होने पर आप ने भी किया विरोध
शपथग्रहण समारोह के खर्च को लेकर हंगामा खड़ा होने के बाद केजरीवाल के बचाव में आप के कर्नाटक संयोजक पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार को पैसे चुकाने की जरूरत नहीं थी। कार्यक्रम का खर्च पार्टी को उठाना चाहिए था। पार्टी की तरफ से ही मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। राज्य सरकार करदाताओं की रखवाली के लिए है न की उनके टैक्स से जमा सरकारी धन की बर्बादी करने के लिए। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इसे देवगौड़ा तीसरे मोर्चे के नेता बनने के मौके के रूप में देख रहे थे। पार्टी के प्रवक्ता अश्वथ नारायण ने कहा कि 42 लाख रुपये जेडीएस के खाते से वसूल किए जाने चाहिए।
ममता बनर्जी के खर्च का ब्योरा नहीं दिया
आरटीआइ में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर किए गए खर्च का ब्योरा नहीं दिया गया है। साथ ही आरटीआइ में ये भी ब्योरा नहीं दिया गया है कि नेताओं ने किस दम में कितना खर्च किया। मतलब उन्होंने ऐसा क्या खाया-पिया कि इतना लंबा-चौड़ा बिल बन गया।
शपथ ग्रहण में शामिल प्रमुख नेताओं पर हुए खर्च का ब्योरा
1. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर 1,02,400 रुपये खर्च हुए।
2. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर 1,41,443 रुपये।
3. केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन पर 1,02,400 रुपये।
4. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत पर 1,02,400 रुपये।
5. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी पर 64,000 रुपये।
6. झारखंड के पूर्वी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 38,400 रुपये।
7. झारखंड के पूर्वी मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर 45,952 रुपये।
8. एनसीपी नेता शरद पवार पर 64,000 रुपये।
9. एआइएमआइएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी पर 38,400 रुपये।