टीडीपी सांसद ने ईडी पर लगाया आरोप, कहा- पूछताछ के दौरान नहीं दिया खाना
वाईएस चौधरी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि यह मानव अधिकार का उल्लंघन है। यह एक सांसद का संवैधानिक अधिकार है और अदालत इस मामले को देखेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए समन के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे तेलुगू देसम पार्टी (टीडीपी) के सांसद वाईएस चौधरी ने वकील के माध्यम से अदालत को बताया कि करीब आठ घंटे तक पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें खाने के लिए भी नहीं पूछा।
वाईएस चौधरी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि यह मानव अधिकार का उल्लंघन है। यह एक सांसद का संवैधानिक अधिकार है और अदालत इस मामले को देखेगी। हालांकि, सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि सांसद को खाने की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने टीडीपी सांसद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं करने के आदेश की समय सीमा को भी बढ़ा दिया है। टीडीपी सांसद के वकील ने कहा कि अदालत के आदेश पर सांसद पूछताछ के लिए तीन, चार और पांच दिसंबर को सुबह साढ़े ग्यारह बजे से शाम छह बजे तक के लिए ईडी ऑफिस गए थे। पहले दिन तो सांसद को खाने के लिए जाने दिया गया, लेकिन अगले दो दिन के लिए उन्हें खाना खाने की अनुमति नहीं दी गई।
रिपोर्ट में नहीं है वाईएस चौधरी का नाम
वाईएस चौधरी ने याचिका में दावा किया कि धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के 2016 के जिस मामले में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है, उससे उनका कोई संबंध ही नहीं है। याचिका के अनुसार टीडीपी सांसद को बिना वजह समन भेजा गया है, जबकि एफआइआर व आरोप पत्र में उन्हें आरोपित भी नहीं बनाया गया।