Move to Jagran APP

राजनाथ सिंह बोले- अमित शाह हैं पर्दे के पीछे के हीरो, जीवन में कड़वे अनुभवों के बावजूद अपने कर्तव्य पर रहे अडिग

भाजपा नेता ने अपने सहयोगी के बारे में कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अमित शाह बैकस्टेज हीरो हैं। उन्हें क्रेडिट की कोई इच्छा नहीं है। वह पृष्ठभूमि में रहते हैं और सरकार और पार्टी के लिए कई बड़े काम करते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 10:50 PM (IST)
राजनाथ सिंह बोले- अमित शाह हैं पर्दे के पीछे के हीरो, जीवन में कड़वे अनुभवों के बावजूद अपने कर्तव्य पर रहे अडिग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह को 'पर्दे के पीछे का नायक' बताया

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेपथ्य के नायक हैं। वह निस्वार्थ भाव से काम करते हैं, श्रेय की परवाह नहीं करते। कम बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं तो सार्थक बोलते हैं। वह गंभीर अध्येता हैं, जो शास्त्रों की कसौटी पर नीतियों को कसता है। राजनाथ सिंह बुधवार को एनडीएमसी सभागार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चुनिंदा भाषणों के संकलन 'शब्दांश' का लोकार्पण कर रहे थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि अमित शाह राजनीति और आध्यात्मिकता का दुर्लभ मिश्रण हैं। उनके अध्ययन की सीमा कई लोगों को आश्चर्यचकित करती है।

prime article banner

अमित शाह के चुनिंदा भाषणों के संकलन 'शब्दांश' का किया लोकार्पण

उन्होंने कहा कि अमित शाह बड़े-बड़े काम भी पीछे रहकर कर देते हैं। नेपथ्य में रहकर सरकार और पार्टी के बड़े-बड़े काम करते हुए भी वह इतना पढ़ लेते हैं। उन्होंने कहा कि अमित भाई के बारे में भी एक धारणा है। धारणा क्या है, यह मैं नहीं बताऊंगा, लेकिन यह पुस्तक उस धारणा को तोड़ती है। पुस्तक पढ़ते ही लगता है कि वे गहरे बौद्धिक, विचारवान, वेदों और ग्रंथों के अध्येता हैं। उनकी भाषण शैली की महत्वपूर्ण बात यह है कि वह जटिल से जटिल विषयों पर उदाहरण के साथ लोगों से संवाद करते हैं।

अमित शाह निस्वार्थ भाव से करते हैं काम

जांच एजेंसियों ने कितना भी परेशान किया, लेकिन हाय-तौबा नहीं की। जेल भी गए। जांच एजेंसी ने जहां बुलाया, चले गए। देशभर में आंदोलन नहीं किया। राजनाथ ने कहा कि अमित शाह ने शंकराचार्य के विषय में एक ही भाषण में सब कुछ बता दिया। उन्हें छोटी उम्र में ही गायकवाड़ स्टेट के संस्कृत आचार्यो ने भारतीय शास्त्रों, व्याकरण, धर्म, दर्शन और इतिहास की शिक्षा दी, जो आज भी उनके संस्कारों में दिखती है। राजनीति और अध्यात्म का संयोग बहुत विरले मिलता है। वह उसकी प्रतिमूर्ति हैं।

राजनाथ ने कहा कि आज राजनीति शब्द अपना अर्थ और भाव खो चुकी है, लेकिन राजनीति को नए अर्थ देने के लिए अमित शाह और पीएम मोदी प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढि़यों के लिए लाइट हाउस का काम करेगी। शिवानंद द्विवेदी द्वारा संपादित इस पुस्तक में अमित शाह के 28 भाषण संकलित हैं, जिनमें देश की रक्षा, सुरक्षा, नीति निर्माण और गवर्नेस के ज्वलंत सवालों के जवाब मिलेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.