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दिल्ली के होटल में ऐसा क्या हुआ कि अटल के डिनर पर टूट पड़े थे मुशर्रफ

अटल बिहारी वाजपेयी जी एक जिंदादिल शख्सियत थे, जो स्वादिष्ट भोजन खाने-खिलाने में यकीन करते थे। उऩ्हें रसगुल्ला, पिन्नी और पतीसा भी प्रिय था।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 11:00 AM (IST)
दिल्ली के होटल में ऐसा क्या हुआ कि अटल के डिनर पर टूट पड़े थे मुशर्रफ
दिल्ली के होटल में ऐसा क्या हुआ कि अटल के डिनर पर टूट पड़े थे मुशर्रफ

नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। बात वर्ष 2001 की है। अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भारत दौरे के दौरान राजधानी के ताज होटल में रात्रि भोज का आयोजन किया था। उस भोज में देश की तमाम जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं।

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अटल के निर्देश पर मुंबई के ताज होटल के निदेशक शेफ हेमंत ओबराय को खास तौर से बुलाया गया। उनके मार्गदर्शन में ही सारे व्यंजन तैयार हुए। दरअसल, अटल हेमंत ओबराय के पकवानों के मुरीद थे। इस बेहद खास अवसर पर हेमंत ने सिकंदरी रान, बिरयानी और मलाई कोफ्ता जैसे व्यंजन विशेष रूप से तैयार किए थे। लेकिन जैसे ही रात्रि भोज शुरू हुआ तो मुशर्रफ खास तौर से तैयार इन व्यंजनों को छोड़ शाकाहारी खाना ही खा रहे थे।

अटल ने इस बात पर गौर किया, क्योंकि दोनों एक ही टेबल पर खाना खा रहे थे। उन्होंने मुशर्रफ से पूछा कि वे निरामिष व्यंजन क्यों चख रहे हैं? मुशर्रफ ने जवाब दिया कि ये शायद हलाल मांस नहीं है। अटल ने तुरंत हेमंत ओबराय को अपने पास बुलाकर सारी स्थिति स्पष्ट कर ली। गोश्त हलाल था। उसके बाद तो मुशर्रफ लजीज मांसाहार व्यंजन पर जैसे टूट पड़े। ये संस्मरण कुछ वर्ष पूर्व हेमंत ओबराय ने मुझे सुनाया था।

हेमंत के हाथों का खाना बेहद पंसद था

अटल, हेमंत ओबेराय के इतने बड़े प्रशंसक थे कि वे प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान जब भी विदेशी दौरों पर जाते तो उन्हें अपने साथ अवश्य लेकर जाते थे। वहां हेमंत ही उनके लिए भोजन तैयार करते थे। हेमंत कुछ समय पूर्व ही ताज होटल से रिटायर हुए हैं और अब सिंगापुर में अपना रेस्तरां चला रहे हैं। वे ताज होटल में करीब चालीस साल तक अपनी सेवा देते रहे। भारत में शेफ की दुनिया में उनसे बड़ा और सम्मानित नाम कोई और नहीं है।

जिंदादिल शख्स थे

अटल खाने के शौकीन तो थे ही, ऐसे में एक बार मुंबई दौरे के समय उन्होंने हेमंत के हाथों का बना हुआ भोजन खाया, यह स्वाद उनके जुबान पर ऐसा चस्पा कि उन्होंने फिर कभी हेमंत को खुद से अलग नहीं होने दिया। वह जब भी हेमंत से मिलते तो पूछते थे, अब क्या खिलाओगे? अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को दिए भोज के अवसर पर भी उन्होंने हेमंत ओबराय को ही मुंबई से दिल्ली बुलाया था। पत्रकार से भाजपा सांसद बने आरके सिन्हा का भी अटल से 50 वर्ष पुराना संबंध था। उनसे संबंधित अपनी यादें साझा करते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी की कमजोरी थी फिश फ्राई। वे मिष्ठान के भी दीवाने थे। उन्हें रसगुल्ला, पिन्नी और पतीसा भी प्रिय था। अटल जी एक जिंदादिल शख्स थे, जो स्वादिष्ट भोजन खाने-खिलाने में यकीन करते थे।

तंदूरी फिश और खीर के दीवाने

हेमंत द्वारा बनाए गए व्यंजनों में अटल को तंदूरी फिश और खीर बेहद पसंद थी। हेमंत दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने पूसा होटल मैनेजमेंट से पढ़ाई की थी। एक बार उन्होंने कहा था कि भले ही उनके पकाए गए भोजन को दुनियाभर में पसंद किया जाता हो, पर उन्हें अपनी मां के बनाए भोजन से बेहतर कुछ नहीं लगता। उसमें भी खासतौर पर सरसों का साग और मक्के की रोटी।

(लेखक व इतिहासकार) 


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