'शानदार शिक्षक और सुलझे हुए इंसान हैं अकबर, छवि खराब करने को रमानी ने किए ट्वीट'
बासू ने कोर्ट में यह भी कहा कि वह हमेशा अकबर को शानदार पत्रकार, विद्वान लेखक और प्रतिष्ठित व्यक्ति मानती हैं, लेकिन प्रिया रमानी के ट्वीट से आहत हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सोमवार को पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत में सुनवाई हुई। अकबर की तरफ से जिन गवाहों की सूची कोर्ट को सौंपी गई थी, उनमें से अंग्रेजी अखबार संडे गार्जियन की संपादक जोयिता बासू ने अकबर के पक्ष में बयान दर्ज कराया।
शानदार शिक्षक हैं अकबर
अकबर के साथ काम कर चुकीं जोयिता बासू ने कोर्ट को बताया कि 'मी टू' अभियान के तहत प्रिया रमानी के आरोप से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा नष्ट हुई है। रमानी ने जानबूझकर अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ट्वीट किया है। महिला संपादक ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने करीब 20 साल तक अकबर के साथ काम किया, लेकिन कभी उनके बारे में कुछ गलत सुनने को नहीं मिला। अकबर अपने काम के प्रति पूरी से पेशेवर हैं और एक शानदार शिक्षक हैं।
सात दिसंबर हो होगी सुनवाई
बासू ने कोर्ट में यह भी कहा कि वह हमेशा अकबर को शानदार पत्रकार, विद्वान लेखक और प्रतिष्ठित व्यक्ति मानती हैं, लेकिन प्रिया रमानी के ट्वीट से आहत हैं और शर्मिदा महसूस कर रही हैं। अब उनके साथी भी अक्सर पूछते हैं कि क्या अकबर ऐसी प्रवृति के व्यक्ति रहे हैं? लोग उनके चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं। अब इस मामले की सुनवाई सात दिसंबर हो होगी।
क्या है मामला
सोशल नेटवर्किग साइट्स पर 'मी टू' अभियान के तहत एमजे अकबर के साथ करीब 20 साल पहले काम कर चुकी प्रिया रमानी ने उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके बाद कई अन्य महिलाओं ने ट्विटर पर अकबर के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाए थे। जिस समय उन पर आरोप लगाए गए, वह नाईजीरिया के आधिकारिक दौरे पर थे और लौटने के बाद 17 अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। अकबर इस मामले में अपने बयान पिछली सुनवाई पर ही दर्ज करा चुके हैं।