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DND पर किसानों का धरना खत्म, अधिकारियों के आश्वासन के बाद बनी बात

डीएनडी पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसानों ने अधिकारियों के आश्वासन के बाद अपना धरना खत्म कर दिया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 06:30 PM (IST)
DND पर किसानों का धरना खत्म, अधिकारियों के आश्वासन के बाद बनी बात
DND पर किसानों का धरना खत्म, अधिकारियों के आश्वासन के बाद बनी बात

नोएडा, जेएनएन। डीएनडी टोल प्लाजा पर शुक्रवार रात से चल रहा किसानों का धरना खत्म हो गया है। गौतमबुद्धनगर के जिला अधिकारी बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण के लिखित आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना खत्म किया। अधिकारियों ने किसानों को आठ दिन के भीतर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का आश्वासन दिया है।

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क्‍या है किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि 2008 से लेकर 2012 तब गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा व मथुरा क्षेत्र में हुए भूमि अधिग्रहण मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए।

शुक्रवार को जाम से जूझी है दिल्‍ली
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले से सटे टप्पल क्षेत्र (अलीगढ़, यूपी) के किसान दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे थे। इसके कारण दिल्ली में शुक्रवार को जगह-जगह जाम का नजारा देखने को मिला था।

शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण की मांग को लेकर प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया। इससे नाराज किसानों ने डीएनडी फ्लाईओवर के पास डेरा जमा लिया। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही। किसानों के दिल्ली में प्रवेश को  रोकने के लिए पुलिस ने डीएनडी पर रूट डायवर्जन कर दिया। इसके कारण नोएडा से आश्रम की तरफ जाने वाले वाहन दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर आ गए।

सैंकड़ों किसानों ने डाला था डेरा
किसान नेता मनवीर तेवतिया अपनी मांगों को लेकर 500 किसानों के साथ शुक्रवार दोपहर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस को इसकी पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए लिंक रोड और डीएनडी फ्लाईओवर पर टोल बूथ के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था।आज भी पुलिस मौके पर तैनात है। किसी भी प्रकार की अनहोनी को देखते हुए सुरक्षा के तमात उपाय किए जा रहे हैं।

यह है मामला
टप्पल के गांव जिकरपुर में किसान नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने की मांग को लेकर 50 दिन से धरना दे रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान बसपा सरकार में जिकरपुर में ही किसान व पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें तीन किसान व एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी। इसके बाद से जिकरपुर सियासी अड्डा भी बना हुआ है।


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