यंग इंडियन व नेशनल हेराल्ड लेनदेन से नहीं हुई कोई आय, 16 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
पी. चिदंबरम ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन कंपनी व नेशनल हेराल्ड के लेनदेन से किसी तरह की आय नहीं हुई।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आयकर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 के मामले में भेजे गए पुनर्मूल्यांकन नोटिस के खिलाफ दायर की गई चुनौती याचिका को लेकर मंगलवार को वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष का पक्ष रखा। पी. चिदंबरम ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन कंपनी व नेशनल हेराल्ड के लेनदेन से किसी तरह की आय नहीं हुई। चिदंबरम ने न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट व न्यायमूर्ति एके चावला की पीठ के समक्ष दलील दी कि अगर इस पर आयकर बनता है तब भी इसका लाभ यंग इंडियन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जैसे शेयर होल्डर के हाथों में नहीं जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
मीडिया में प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग
मुख्य पीठ ने कहा कि वह दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखेगी और इसके बाद ही आयकर विभाग को निर्देश देगी कि मामले में अंतिम फैसला आने तक कोई कदम न उठाए। इस दौरान पी. चिदंबरम ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी व ऑस्कर फर्नांडीस की तरफ से कहा कि इस संबंध में मीडिया में प्रकाशन पर रोक लगाई जाए, लेकिन पीठ ने इससे इन्कार कर दिया।
आयकर विभाग ने गलत तरीके से अपील की है
करीब एक घंटे तक चली बहस के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि अगर वह एक पल के लिए मान भी लें कि यंग इंडियन से आय हुई थी, तब भी यह आय वित्तीय वर्ष 2011-12 में यंग इंडियन कंपनी के शेयर होल्डर की आय नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के वित्तीय वर्ष 2011-12 के पुनर्मूल्यांकन की दोबारा जांच के दौरान आयकर विभाग ने गलत तरीके से अपील की है।
चिदंबरम ने कहा कि उनकी याची जब कंपनी की शेयर होल्डर बनीं तो उन्हें कंपनी के 1900 शेयर के अलावा न तो संपत्ति मिली और न ही आय हुई। उन्होंने कहा कि कंपनी सेक्शन-25 के तहत यह एक गैर लाभ संपत्ति है जोकि अपने शेयर होल्डर को कुछ नहीं देती। ऐसे में यह कहना कि इससे कुछ लाभ हुआ है तो यह विरोधाभास है।