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Congress Leader Murder Threat: कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को जान से मारने की धमकी

Acharya Pramod Krishnam कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को जान से मारने की धमकी दी गई है। फोन करने वाले शख्स ने खुद को अफ्रीका का बताया है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 12:55 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 01:08 PM (IST)
Congress Leader Murder Threat: कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को जान से मारने की धमकी
Congress Leader Murder Threat: कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को जान से मारने की धमकी

नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम (Congress leader Acharya Pramod Krishnam) को विदेश से जान से मारने की धमकी मिली है। बताया जा रहा है कि विदेश से आए फोन पर प्रमोद कृष्णम को हिदायत दी गई है कि वे अनापशनाप नहीं बोलें, वरना उन्हें इस बाबत सबक सिखाया जाएगा। इसी के साथ खिलाफ बोलने जान से मारने की धमकी भी दी गई है। फोन करने वाले शख्स ने खुद को अफ्रीका का बताया है। वहीं, इस धमकी के बाबत साहिबाबाद थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल शाही ने बताया कि नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि धमकी देने वाले ने इसकी कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है। 

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बता दें कि टेलीविजन न्यूज चैनलों पर होने वाले डिबेट में मुखर होकर अपनी बात रखने वाले प्रमोद कृष्णम सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते हैं। वह विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार ट्वीट के जरिये रखते रहते हैं। 

प्रमोद कृष्णम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कल्कि धाम के महंत हैं होने के साथ साधु बिरादरी और मीडिया में जाना-माना नाम हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट किया था।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने लखनऊ लोकसभा सीट से कल्किपीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को मैदान में उतारा था, जिसमें उन्हें हार मिली थी।  आचार्य प्रमोद का जन्म संभल (यूपी) में हुआ। आध्यात्म का रास्ता अपना चुके आचार्य प्रमोद कभी प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी थे। कांग्रेस पार्टी में रहने के दौरानन कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। प्रमोद संभल लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पिछले दिनों महाराष्ट्र में संतों की हत्या पर मुखर होकर अपना पक्ष रखा था।


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