केजरीवाल के शपथ समारोह में शिक्षकों को बुलाए जाने पर, भाजपा नेता ने कहा- ये है तुगलकी फरमान
अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। केजरीवाल के शपथ समारोह में दिल्ली की शिक्षकों को भी बुलाया गया है जिसको लेकर भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। रविवार को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। केजरीवाल की शपथ को लेकर विवाद गरमा गया है। नेता विपक्ष व रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) ने शपथ समारोह में बुलाए गए स्कूल शिक्षकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विजेंद्र गुप्ता ने इसे केजरीवाल का तुगलकी फरमान बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को तुगलकी फरमान को वापस लेना चाहिए क्योंकि इससे आम आदमी को असुविधा होती है। शपथ समारोह में स्कूली शिक्षकों को बुलाना यह अलोकतांत्रिक और अनैतिक है।
भाजपा नेता ने एक ट्विटर यूजर के पोस्ट में रिप्लाई करते हुए केजरीवाल सरकार के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है। जिसमें ट्विटर यूजर ने लिखा कि मेरे भाई की पत्नी दिल्ली सरकार में स्कूल टीचर है और उसे 102 डिग्री बुखार है। उसे स्कूल के प्रिंसिपल ने रविवार को अनिवार्य रूप से अरविंद केजरीवाल की शपथ समारोह में उपस्थित होने का आदेश दिया है और कहा कि ये ऊपर से आया हुआ निर्देश है। इस पर तंज कसते हुए ट्विटर यूजर ने लिखा कि वाह क्या निमंत्रण है।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने जारी किया सर्कुलर
बता दें कि रविवार को रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों के बुलाने पर शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाचार्यों के साथ अधिकारियों को शपथ ग्रहण में भी बुलाया गया है।
मनीष सिसोदिया ने दी सफाई
वहीं, इस मामले पर विवाद बढ़ता देख आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए जवाब दिया कि विपक्षी दल शिक्षकों का सम्मान होते नहीं देखना चाहते हैं। सिसोदिया ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से मसलन, शिक्षक, प्रधानाचार्य, चौकीदार, छात्र इसमें शामिल हो रहे हैं। इनमें से कुछ तो सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मंच पर भी नजर आएंगे